राइस मिल के धूलकण से आबोहवा प्रदूषित, लोग परेशान,कार्यवाही की मांग।


राइस मिल के बायलर से निकलता काला धुआं 

कोशी तक/ उदाकिशुनगंज मधेपुरा 


उदाकिशुनगंज मुख्यालय के मुख्य बाजार सहित दर्जन भर गांव से महफूज गुजर पाना आसान नहीं है। राइस मिल के जले हुए राख लोगों के घरों, आंगनों में बिछा हुआ रहता है। भोजन करना, सड़क पर चलना लोगों का दूभर हो गया है।उदाकिशुनगंज पटेल चौक सुधा डेयरी के समीप बियाडा के जमीन में संचालित सेंचरु राइस मिल से निकलने वाले धूलकण, चावल के छिलके से लोग परेशान हो चुके हैं। राइस मिल के ब्वायलर से निकलने वाले चावल के छिलके के कण व धूल आंखों को परेशान करते हैं। इससे राहगीरों को नेत्र पीड़ा व आर्थिक नुकसान हो रहा है। धूल के कारण अस्थमा रोगी की संख्या बढ़ रही हैं। मिलर का उक्त समस्या की तरफ कोई ध्यान नहीं है।अब हालात ऐसे हो गए हैं कि राइस मिल की चिमनी से रात-दिन धुआं व राख उगलती है। आसपास के किसान व गांवों के लोग प्रभावित हैं। यह राइस मिल उदाकिशुनगंज अनुमंडल मुख्यालय के बीचों बीच स्थित है। खेतों में फसलों पर भी धूल जमा रहती है। फसल की हाथों से कटाई तो दूर कंबाईन से भी बड़ी मुश्किल से हो पाती है। वहीं चिमनियों की राख हवा के साथ उदाकिशुनगंज व उदाकिशुनगंज नप क्षेत्र के पटेल चौक, सरयुग चौक, ब्राह्मण टोला, मुरली टोला सहित दर्जनों गांव की तरफ जाती है। ग्रामीण छत व आंगन में कपड़े सुखाने से अक्सर वंचित रहते हैं। हवा चलने पर राइस मिलों की चिमनियों का धुआं व राख को ग्रामीण सांसों के साथ खींचते हैं।

उदाकिशुनगंज के समाजसेवी कुंदन कुमार, रंजीत मिश्र, विष्णु कुमार, नीतीश राणा, रवि रॉय आदि  ने कहा कि मिलों के धुएं व राख से ग्रामीणों को भारी परेशानी पहुंच रही है। ग्रामीण अक्सर कई प्रकार की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। प्रदूषण के कारण आमजन वाहन चलाने में असमर्थ हो रहे हैं। कारण यह है कि दिन के उजाले में धूलकण सीधा आंखों में जा रहा है।लोगों का कहना है की विभाग के अधिकारी इस संबंध में कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। किसानों ने कहा कि चिमनियों का धुंआ व राख बाहर निकलकर प्रदूषण फैला रहा है।फसलों पर असर पड़ रहा है। लोगों ने मांग किया कि नियमित रूप से चिमनी पर यंत्र लगाकर उसे चलाएं ताकि प्रदूषण से लोगों का बचाव रहे। समाजसेवियों ने कहा कि इस राइस मिल की चिमनियों की ऊंचाई भी कम है। चिमनियों पर राख को हवा में उड़ने से रोकने वाले यंत्र भी नहीं लगा रखे हैं। इससे सड़क से गुजरने वाले लोगों की आंखों में धूल व राख के कण से आंखें खराब होती हैं। मिलों के कचरे से आंखों में असहनीय पीड़ा होती है। वहीं आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ता है। कई मिलरों के ब्वायलर के मुंह सड़क की तरफ हैं। धूल के गुबार सड़क पर जाते हैं।

सूबे के मुखिया से करेंगे शिकायत:-

आमजन व समाजसेवियों ने कहा कि यदि राइस मिल के प्रदूषण से शीघ्र छुटकारा नहीं मिला तो मुख्यमंत्री से लिखित शिकायत करेंगे।वह सभी जल्द जिलाधिकारी व अनुमंडल पदाधिकारी से मिलकर शिकायत करेंगे। ताकि ग्रामीणों व सड़क से गुजरने वाले लोगों को समस्या से छुटकारा मिल सके। सड़क पर रात दिन खड़ धान से भरे ट्रकों की समस्या से भी अवगत करवाया जाएगा, जो निरंतर हादसों को निमंत्रण दे रहे हैं। प्रदूषण कंट्रोल विभाग से वार्ता की जाएगी।


Post a Comment

أحدث أقدم