पुल निर्माण कार्य को जबरन रोक एवं रंगदारी मांगने वो जान से मारने की धमकी दी। वही सीओ नही कर रहें हैं भुमि को चिंहित।

 योजना स्थल पर लगा पुल निर्माण योजना का बोर्ड पुल निर्माण में हो रही देरी पर डीएम को लिखा पत्र 


कोशी तक/ उदाकिशुनगंज मधेपुरा 


भुमि विवाद को लेकर पुल निर्माण का अधर में लटक गया है। तथा सीओ द्वारा स्थल चिन्हित नही करने के कारण संवेदक को नुक्साथंन के साथ साथ जान से मारने की धमकी और 7 लाख का डिमांड करने का आरोप संवेदक द्वारा लगाया जा रहा है। इस बाबत राजा कुमार सिंह संवेदक पुल निर्माण कार्य वसनगरहा भगवानंदपुर से छर्रा पट्टी अन्तर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना 3 मे पुल निर्माण 09 महीने से वर्तमान जीप सदस्या सुनिल देवी पति मनोज यादव के द्वारा पुल निर्माण कार्य स्थल का फर्जी दस्तावेज बनवाकर जबरन 7 लाख रूपया का मांग किया गया है। नहीं देने पर हत्या की धमकी देकर कार्य बंद करवा दिया है। उन्होंने डीएम को दिए आवेदन में बताया की उक्त पुल निर्माण स्थल का अंचल अधिकारी उदाकिशुनगंज द्वारा जांच प्रतिवेदन में जमीन का खाता सरकारी भूमि है। जिसका पत्रांक- 714-2 दिनांक 30.07.2024 है। बार-बार कार्य निर्माण स्थल पर मनोज यादव, मिथिलेश यादव दोनों के पिता धुनमुन यादव वो सुशील यादव पिता गणेश यादव के सदस्य द्वारा बार-बार हथियार से लैश होकर जान से मारने की धमकी दिया जा रहा है। मनोज यादव, मिथलेश यादव मधेपुरा जिला के कई थानों सहरसा वो खगड़िया जिला में कई कांडों में अभियुक्त है। किसी तरह के मुझे एवं मेरे कर्मचारी को कई क्षति एवं जान माल की हानि होता है।तो इसकी जिम्मेवारी उपर्युक्त अपराधी की होगी। इस बावत थानाध्यक्ष उदाकिशुनगंज इस बारे में बताया कि अंचलाधिकारी स्थल चिन्हित करवा दे उसके बाद पुल निर्माण पर सुरक्षा देंगे। अंचलाधिकारी उदाकिशुनगंज को अनुमंडल पदाधिकारी से आदेश प्राप्त होने पर भी अंचलाधिकारी उदाकिशुनगंज 3 महीने से समय पर समय देते हैं। उसके बाद कार्य स्थल पर नहीं आते हैं। जिसके कारण से पुल निर्माण बाधित है। डीएम  से आग्रह करते हुए कहा अंचलाधिकारी के कारण सिर्फ पुल निर्माण के समय 3 महीने ही बचा है। जिसके कारण पुल निर्माण में देरी होने के कारण मुझे आर्थिक एवं समय का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा मेरी परेशानी को समझते हुए कार्य स्थल पर सशस्त्र बल की तैनाती या सुरक्षा मुहैय्या करवायी जाय। ताकी पुल निर्माण स्थल पर सभी कर्मचारी वे फिक्र होकर पुल निर्माण करा सके।

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