वित्तीय अनियमित मामले में जेनरल हाई स्कूल के पूर्व एचएम पर प्राथमिकी दर्ज, आईओ ने शुरू किया अनुसंधान

सुकेश राणा
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*पूर्व एचएम संतोष कुमार पर 80 लाख का हिसाब नहीं देने का आरोप

मधेपुरा !
शिवनंदन प्रसाद मंडल इंटर स्तरीय हाई स्कूल में 80 लाख से ज्यादा वित्तिय अनियमितता मामले में पूर्व एचएम संतोष कुमार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। सदर थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार ने बताया कि इस मामले में वर्तमान एचएम शकील अहमद ने पूर्व एचएम पर मामला दर्ज कराया है। मामला दर्ज होने के बाद शुक्रवार को केस के आईओ सत्यप्रकाश ने स्कूल पहुंचकर मामले की जांच प्रारंभ की। मालूम हो कि शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाले स्कूल होने के कारण मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण विभाग से लेकर प्रशासन तक एक्शन मोड में आ गया है। हालांकि कल तक पूर्व एचएम का साथ देने वाले शिक्षक भी अब इस मामले में कुछ बोलने के बजाए बचना चाह रहे हैं। मालूम हो कि पूर्व एचएम संतोष कुमार पर वर्तमान एचएम शकील अहमद ने सेवानिवृति के बाद से अभी तक वित्तिय चार्ज नहीं देने तथा अपने कार्यकाल में राशि निकासी का हिसाब नहीं देने का आरोप लगाते हुए डीईओ को पूर्व में आवेदन दिया था। जिसके बाद डीईओ ने पत्रांक 662/01.06.23 में स्कूल की राशि के अनियमितता का आरोप संतोष कुमार पर लगाते हुए कानुनी कार्रवाई करने का निर्देश एचएम शकील अहमद को दिया था। एचएम का आरोप है कि 31मार्च 2023 को पूर्व एचएम डॉ संतोष कुमार सेवानिवृत हो गये। जिसके बाद से आज तक डॉ. कुमार ने वित्तय प्रभार नहीं दिया है। जिसके कारण स्कूल का विकास कार्य ठप है। जानकारी के अनुसार डॉ. कुमार 29.01.21 से 18.03.23 तक में 86 लाख 74 हजार 561 रूपया की निकासी विद्यालय कोष से किया। जिसके व्यगत राशि में संबंधित प्रभार नहीं देकर बिना अनुमति के स्कूल के विकास कोष में श्री कुमार द्वारा 24.04.23 को चार लाख एवं 25.04.23 को 91 हजार 313 रूपया मात्र जमा किया। शेष का हिसाब नहीं दिया गया। एचएम का कहना है कि इससे प्रतिक होता है कि डॉ. कुमार ने स्कूल से धोखाधड़ी की गई एंव राशि का गबन किया गया। इस तरह से देखा जाए तो अभी तक मात्र 81 लाख के आसपास का हिसाब कुमार ने नहीं दिया है।
हालांकि मामले में आरोपी बनाए गये पूर्व एचएम संतोष कुमार ने कहा कि हमने नियम विरूद्ध कोई कार्य नहीं किया है। रही बात मेरे कार्यकाल में राशि निकासी का तो मैंने लगभग हिसाब दे दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने प्रभार भी दे दिया है। सभी तरह के कार्य का एमवी भी दे दिया है। इसके अलावा सभी पंजी भी प्रधान लिपिक को दे दिया है।

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