मधेपुरा
गृह विभाग ने जिले के सभी डीएम और एसपी को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि चौकीदारों से निजी आवास में ड्यूटी, और कैदियों को थाने से कोर्ट तक लाने व वापस ले जाने के साथ साथ बैंक ड्यूटी जैसे काम भी न लिए जाए। चौकीदारों को अपनी बीट में ही गश्ती करने की जिम्मेदारी दे। बराबर इसकी मानीटरिंग हो कि चौकिदार ठीक से काम कर रहि या नहीं। साथ ही सभी एसएसपी व एसपी को फिर से बीट निर्धारित करते हुए पूरे जिले में नए सिरे से चौकीदारों को प्रतिनियुक्त करने का निर्देश भी दिया गया है। काम में लापरवाही पाए जाने पर डीएम, एसपी को निलंबन या अन्य दंड देने का निर्देश दिया गया है।
चौकीदारों को अपनी बीट में ही गश्ती करने की जिम्मेदारी का दिया निर्देश।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने चौकीदार संवर्ग के कर्मियों के दायित्वों को लेकर गुरुवार को सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि चौकीदारों को अपने इलाके की प्रत्येक गतिविधि की निगरानी करनी है। गांवों में दिन और रात के समय नियमित गश्त लगानी है। किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि या अपरिचित संदिग्ध व्यक्तियों के इलाके में प्रवेश की सूचना समय-समय पर पुलिस प्रशासन को देनी है। थानाध्यक्षों को चौकीदारों से मिलने वाली सूचनाओं को रजिस्टर में अंकित करने को भी कहा गया है। मिलने वाली आम सूचना पर अगर निरोधात्मक कार्रवाई नहीं हुई तो संबंधित पदाधिकारी पर भी कार्रवाई की जाएगी। समय-समय पर थाने में चौकीदारों की परेड कराने का निर्देश दिया गया है।
चौकिदारों के काम की जिम्मेवारी हुई तय।
चौकीदार अपने क्षेत्र में होने वाले सभी जमीन विवाद, अतिक्रमण, सांप्रदायिक व पारिवारिक विवाद, दहेज उत्पीड़न, बाल विवाह के साथ मंदिर मस्जिद और कब्रिस्तान- श्मशान से जुड़े विवादों की जानकारी थानों को देंगे। थानाध्यक्षों को प्रत्येक शनिवार को होने वाली बैठक में इसकी समीक्षा करने को कहा गया है। चौकीदारों को शराब के निर्माण और वितरण की भी सूचना पुलिस-प्रशासन को देनी होगी। अगर कोई व्यक्ति विशेष अप्रत्याशित धन अर्जित कर वैभव का प्रदर्शन करता है तो इसकी सूचना भी थाने को देनी होगी। इसके अलावा गांव में जन्म मरण की रिपोर्ट, दंगा, हंगामे की सूचना की जिम्मेदारी भी चौकीदार देगा।
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