मुंगेर से पीयूष कुमार की खास रिपोर्ट
मुंगेर जिला के हवेली खड़कपुर प्रखंड के विभिन्न जगहों में शुक्रवार को मुस्लिम भाइयों ने मुहर्रम पर्व को लेकर मुंगेर हवेली खड़कपुर मुजफफरगंज में मुस्लिम सम्प्रदाय के श्रद्धालुओं ने जगह-जगह ताजिया बनाकर कुरानखानी, नियाज फातहा पढ़ कर इमाम हुसैन की कुर्बानी की याद को तरोताजा किया। हवेली खड़कपुर मस्जिद के मौलाना जमील अगसर हाशमी ने कहा कि इस्लाम धर्म की रक्षा की खातिर इमाम हुसैन ने 72 लोगों के साथ यजीद के विरुद्ध लड़े गए जंग में मैदाने करबला में शहादत दी थी। तब से मुस्लिम भाइयों ने इस पर्व मुहर्रम को इस्लाम धर्म का पहला महीना मानना शुरू किया था। इस पर्व के दिन शुक्रवार को हवेली खड़कपुर के पास अखेडा तलवार के बाद श्रद्धालुओं ने घर में चने की दाल वाला खिचड़ा, मलीदा एवं पुलाव व गोश्त जैसे व्यंजनों का लुत्फ उठाया। अब वाना खेलने लायक हवेली खड़कपुर में कोई मैदान व जमीन नहीं बची है। सभी खाली मैदानों या जमीनों पर अब बैंक, बाजार व मकान लोगों ने बना लिया है। जिसके कारण पर्व के दौरान विगत तीन दशकों पूर्व आकर्षित करने वाला लाठी, भाला व तलवारबाजी का खेल नियमित नहीं रहने के कारण पर्व का मजा फीका-फीका सा लगता है। वहीं पर्व को शांतिपूर्वक ढंग से निपटाने के लिए हवेली खड़कपुर थानाध्यक्ष नीरज कुमार और सभी अधिकारियों अपने सैप जवानों के साथ थाना क्षेत्र का गश्ती करते हुए आम जनों से सम्प्रदायिक सौहार्द्र बनाने की अपील करते देखे गए।