कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा:- गुरु पूर्णिमा के अवसर पर महर्षि मेंही ज्ञान वाटिका मल्लिक टोला सिंहेश्वर पीपर रोड में महर्षि वेद व्यास जयंती का आयोजन स्वामी शंभूनाथ महाराज के आश्रम में संपन्न किया गया। स्वामी शंभू नाथ महाराज ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा आषाढ़ पूर्णिमा को के दिन चारों वेद पुराण, शास्त्र, उपनिषद, भागवत गीता के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी का पदार्पण हुआ था। हम लोग वेदव्यास जी के उपदेश मार्ग पर ही चलकर जीवन को सफल कर सकते हैं। वही विश्व नशा उन्मूलन व कल्याण मिशन मधेपुरा के संस्थापक बाबा संत गंगा दास ने कहा की नियोग विधि से संतनु की दुसरी पत्नी सत्यवती के पुत्र विचित्र ब्रिज की दो पत्नियों अंबिका से धृतराष्ट्र पुत्र कौरव और अंबालिका से पांडु हुए। तथा दासी से विदुर उत्पन्न हुआ। जिससे बाद ही राजा शांतनु के वंश को आगे बढ़ाया जा सका। वरिष्ठ नागरिक सेवा संगठन सिंहेश्वर के अध्यक्ष ललितेश्वर भगत ने कहा की व्यास जी के माता ने उसका नाम कृष्णद्वैपायन रखा था। यमुना नदी के एक द्वीप में जन्म लेने और रंग से कृष के कारण विकास जी द्वैपायन कहलाए। अन्य प्रवचन में स्वामी सुधीर बाबा, रामचंद्र साह ने भी प्रवचन दिए। मौके पर बीना देवी, शांति देवी, सीमा देवी, अनीता देवी, सुमन देवी, सुनिता देवी वगैरा दर्जन नर नारी मौजूद थे। साथ ही छात्र-छात्राओं को बाबा गंगादास ने नशा मुक्त भारत अभियान चलाने का भी संदेश दिया प्रवचन के बाद सभी के लिए भंडारा की उत्तम व्यवस्था की गई थी।
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