संगठन पर सहमति बनाते वैश्य समाज के लोग
कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा :- वैश्य महा सभा का मासिक बैठक मानिक पुर काली मंदिर के पास राष्ट्रीय वैश्य महासभा के जिलाध्यक्ष अमोल कुमार साह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसमें वैश्व समाज के एकत्रिकरण पर विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर उन्होंने कहा संगठन इसलिए नही बनाये जाते, की हम संगठनों में रहकर टूटे, बल्कि इसलिए बनाये जाते है कि, हम अपने हक की लड़ाई को, ताकत के साथ साबित कर सके। इसके लिए हमे एक सुत्र में पिरोना होंगा। जिला प्रवक्ता डा. बीके आर्यन ने कहा वैश्य समाज को कमजोर करने के लिए अगल अलग जाति में बांट कर तोड़ने का काम किया गया। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा एक पत्थर लीजिए और उस पत्थर को किसी जानवर कुत्ते, बिल्ली को मारिए, आप देखेंगे कि जानवर डर के भाग जायेगा। वही पत्थर लीजिए और एक मधुमक्खी के छत्ते पर मारिए फिर देखियेगा कि मधुमक्खियां आपका क्या हाल करती है। पत्थर वही है और आप भी वही है बस फर्क इतना है कि जानवर अकेला था और मधुमक्खियां समूह में थी संयुक्त परिवार ओर एकता में ही शक्ति है। अगर हमलोग को सबल होना है तो सभी 56 उपजातियों को एक में विलय होना होगा। उन्होंने कहा "मंज़िल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है।" इसलिए जब तक एक हो अपनी ताकत का एहसास नही कराएंगे तब तक सत्ता में आपकी भागीदारी मजबूत नही होगी। पुर्व जिलाध्यक्ष प्रदीप साह ने कहा एक है तो नेक है संगठन में बल है। इसलिए प्रखंड से पंचायत स्तर तक समिति का गठन आवश्यक है। उन्होंने कहा "चमक सूरज की नहीं, मेरे किरदार की है" खबर ये आसमां के अखबार की है, मैं चलु तो मेरे संग कारवां चले बात गुरुर की नही, ऐतबार की है।" जब तक हम संगठित रहेंगे लोग हमें पुछेंगे। वैश्य समाज के लोगों को सम्मानित करते समिति सदस्य
इस बैठक में महिला जिलाध्यक्ष चंपा देवी ने कहा जोरदार आवाज में कहा वैश्य समाज को एक मंच पर आना होगा। सभी पार्टी चंदा के लिए हमारा मुंह ताकता है। कोई भी आयोजन हमारी आर्थिक मदद के बिना संभव नही होता है। आज हम सबसे मजबूत तबका होते हुए भी सरकार में हमारी भागीदारी नही है। इसका कारण हम संगठित नहीं थे। वैश्य समाज के लोगों को सम्मानित करते समिति सदस्य
मधेपुरा नगर परिषद अध्यक्ष कविता कुमारी साहा ने अपना विचार व्यक्त करते हुए मधेपुरा जिला में वैश्यों का एक में विलय के लिए तन मन धन से जुट जाने का आह्वान किया। मंच संचालन करते हुए शिवनारायण साह कहा किसी संगठन को चलाने के लिए मजबुत इच्छा शक्ति की जरूरत होती है। दो पंक्तियां दोहराते हुए कहा "वह पथ क्या, पथिक कुशलता क्या, जिस पथ पर बिखरे शूल न हो, नाविक की धैर्य परीक्षा क्या, यदि धाराएं प्रतिकूल न हो" सिंहेश्वर प्रखंड अध्यक्ष संजय कुमार साह ने कहा संगठन के लिए हमें समय निकालना होगा। अपने लिए नही तो समाज के लिए, अपने बच्चों के भविष्य के लिए संगठित होना ही सबल समाज का मुलमंत्र है।
कार्यक्रम के आरंभ में उपस्थित सभी गणमान्य का स्वागत फुल माला से किया गया। इस मौके पर अधिवक्ता शिवनंदन गुप्ता, मायानंद साह, शिव कुमार गुप्ता, दिनेश साह, डीएन साह, अधिवक्ता चंद्र मोहन साह, धीरेंद्र साह, बबलू साह, राजीव साह, इंदल साह मौजूद थे।
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