कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा
पीबीएल में मधेपुरा जिला शत प्रतिशत सफलता हासिल करने के उपरांत नूतन वर्ष के पूर्व संध्या पर डाइट मधेपुरा के प्रांगण में पीबीएल कार्यक्रम से संबंधित तकनीकी दल के सभी सदस्य एवं शिक्षकों ने हर्षोल्लास के साथ जश्न मनाया। मौके पर सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ, डाईट के प्रिंसिपल तथा बीपीएम भवेश कुमार एवं दीपक कुमार शामिल थे। इस अवसर पर सभी ने केक काटकर खुशी का इजहार किया गया। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने कहा कि यह प्रोग्राम बच्चों को सैद्धांतिक शिक्षण से व्यावहारिक शिक्षण की ओर अग्रसर करता है। जिससे बच्चे अपने ज्ञान का व्यावहारिक दुनिया में उपयोग कर सकते हैं। यह क्षण हमारे मधेपुरा वासियों के लिए गौरवपूर्ण है। मधेपुरा जिला के सभी शिक्षक, पदाधिकारी एवं तकनीकी टीम ने यह साबित किया है। कि संघर्ष और समर्पण से सफलता अवश्य मिलती है। शिक्षा जगत में अब मधेपुरा की पहचान गौरवपूर्ण तरीके से हो रही है।पीबीएल के जश्न में शामिल अधिकारियों की टोली
टीम लीडर संजय क्रांति एवं प्रेमलता कुमारी ने कहा कि यह कार्यक्रम एनईपी 2020 के अंतर्गत विज्ञान एवं गणित विषय में अनुभव आधारित शिक्षण को बढ़ावा देता है। तथा उसके जीन में 21 वीं सदी के कौशल को विकसित करता है। जिला तकनीकी दल के सदस्य भालचंद्र मंडल, दिलीप कुमार एवं शिवराज राणा ने अपना मंतव्य स्पष्ट करते हुए कहा कि यह प्रोग्राम बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक ही नहीं अति महत्वपूर्ण भी है। क्योंकि यह पद्धति बच्चों को वास्तविकता से जोड़ती है तथा कौशल विकसित करने की ओर अग्रसर करती है। मधेपुरा जिला को यह स्थान दिलाने में हमारे क्रांतिकारी शिक्षक संजय क्रांति और उनके तकनीकी टीम में मधेपुरा से प्राचार्य रंजना कुमारी, पप्पू कुमार, मीनाक्षी एवं प्रवेश ठाकुर। चौसा से विजय कुमार, कृति तेजस्वी, कुमारखंड से प्रणय प्रशांत, अंशु कुमारी, पूजा पटेल, इंग्लेश कुमार, मुरलीगंज से शिवानी प्रिया, पूनम शर्मा, बिहारीगंज से निधि सिंह, विनय पांडे, डा. अमलेश कुमार, पुरैनी श्रीनिवास कुमार, आलमनगर से बीपीएम दीपक कुमार, राजीव कुमार, दिलखुश कुमार, नितिन कुमार, ग्वालपाड़ा विशाल राज, सपन कुमार, गम्हरिया से मृत्युंजय कुमार पांडे, अमृता कुमारी, दीपिका कुमारी, घैलाढ से रविंद्र कुमार रौशन, सिंहेश्वर से अविनाश कुमार, विकास कुमार, शंकरपुर से जय कुमार ज्वाला, नंदन कुमार, उदाकिशुनगंज से बीपीएम दीपक कुमार शामिल थे।
क्या है पीबीएल
यह एक शिक्षण पद्धति है जिसमें छात्र वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए काम करते हैं। इस पद्धति में छात्रों को रटने के बजाय, ज्ञान और कौशल को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। जैसे पीबीएल में छात्रों को वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए प्रोजेक्ट दिए जाते हैं। इन प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए छात्रों को अलग-अलग विषयों से जानकारी लेनी पड़ती है। पीबीएल में छात्रों को खोज करने, सवाल पूछने, और सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। पीबीएल में छात्रों के समग्र विकास को बढ़ावा मिलता है। पीबीएल में छात्रों के विश्लेषणात्मक कौशल, आलोचनात्मक सोच, और दूसरे कई कौशल विकसित होते हैं। पीबीएल में छात्रों को कॉलेज और करियर के लिए ज़रूरी कौशल विकसित करने में मदद मिलती है। पीबीएल में छात्रों को टीम वर्क करने का मौका मिलता है। पीबीएल में छात्रों को संवाद करने, भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को समझने, और संघर्षों को मैनेज करने में मदद मिलती है।