युवा दिवस की भूमिका और वर्तमान समय में इसका महत्व

Dr.I C Bhagat
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राष्टीय युवा दिवस पर एक संवाद 


कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा 

युवाओं को समाज का भविष्य और राष्ट्र निर्माण का आधार माना जाता है। उनकी ऊर्जा, विचार शीलता और नवाचार किसी भी देश की प्रगति के लिए अनिवार्य होते हैं। इसीलिए, युवा दिवस मनाना सिर्फ एक परंपरा नहीं है, बल्कि यह युवाओं को प्रेरित करने और उनकी सामाजिक भूमिका को समझाने का माध्यम है। वर्तमान समय में, जब समाज कई चुनौतियों से जूझ रहा है, युवा दिवस की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।

युवा दिवस का इतिहास

युवा दिवस स्वामी विवेकानंद की जयंती के रूप में 12 जनवरी को मनाया जाता है। 1984 में भारत सरकार ने स्वामी विवेकानंद के विचारों और उनके युवा केंद्रित दृष्टिकोण को सम्मानित करते हुए इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस घोषित किया। उनका मानना था कि यदि युवा अपनी शक्ति और आत्मविश्वास को पहचान लें, तो वे असंभव को भी संभव कर सकते हैं।

युवा दिवस की आवश्यकता

आज के समय में युवा दिवस मनाने का उद्देश्य सिर्फ स्वामी विवेकानंद को याद करना नहीं है, बल्कि उनके विचारों को समझकर युवाओं को उनके दायित्व और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करना है। युवाओं को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तनों में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए प्रेरित करना ही युवा दिवस की वास्तविक भूमिका है।

वर्तमान समय की चुनौतियां 

1. शिक्षा और कौशल विकास

आज का युग ज्ञान और तकनीकी कौशल का है। लेकिन अधिकांश युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण की कमी का सामना करना पड़ता है।

2. बेरोजगारी

बढ़ती जनसंख्या और सीमित संसाधनों के कारण बेरोजगारी एक प्रमुख समस्या बन गई है। यह युवाओं को निराशा और अवसाद की ओर धकेल रहा है।

3. नशा और अपराध

युवाओं का नशे की लत और अपराध में बढ़ता झुकाव समाज के लिए चिंता का विषय है। यह उनके व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को बर्बाद कर देता है।

4. मानसिक स्वास्थ्य

वर्तमान समय में मानसिक तनाव, अवसाद और आत्महत्या जैसे मुद्दे तेजी से बढ़ रहे हैं। सोशल मीडिया और प्रतिस्पर्धा ने इसे और बढ़ावा दिया है।

युवा दिवस की भूमिका

1. युवाओं को प्रेरित करना

युवा दिवस के माध्यम से युवाओं को उनकी क्षमताओं का एहसास कराया जाता है। यह उन्हें अपनी कमजोरियों को पहचानने और उन्हें सुधारने का अवसर प्रदान करता है।

2. राष्ट्रीय एकता का संदेश

युवा दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों में राष्ट्रीय एकता और सामाजिक सद्भाव का संदेश दिया जाता है। इससे युवाओं को एकजुट होकर देश की प्रगति में योगदान देने की प्रेरणा मिलती है।

3. नेतृत्व क्षमता का विकास

युवा दिवस के दौरान विभिन्न संगोष्ठियों, प्रतियोगिताओं और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। इससे युवाओं में नेतृत्व क्षमता का विकास होता है।

4. नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा

स्वामी विवेकानंद के विचार युवाओं को नैतिकता, आदर्श और सांस्कृतिक मूल्यों की ओर प्रेरित करते हैं। यह उनके चरित्र निर्माण में सहायक होता है।

युवा दिवस और समाज सुधार

युवा दिवस का एक प्रमुख उद्देश्य समाज में सुधार लाना है। युवा ही समाज की समस्याओं को पहचानकर उनके समाधान में प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण और बाल अधिकार जैसे मुद्दों पर जागरूकता फैलाकर समाज को बेहतर बना सकते हैं।

युवा दिवस का वैश्विक महत्व

भारत में युवा दिवस के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस 12 अगस्त को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर युवाओं के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करना और उन्हें सशक्त बनाने के लिए कदम उठाना है।

युवाओं से अपेक्षाएं 

1. समाज सेवा

युवाओं को समाज सेवा में सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए। यह उन्हें समाज के प्रति अपने दायित्वों का एहसास कराता है।

2. नवाचार

युवाओं को अपने विचारों और नवाचारों के माध्यम से देश की प्रगति में योगदान देना चाहिए।

3. पर्यावरण संरक्षण

युवाओं को पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर जागरूक होकर काम करना चाहिए।

निष्कर्ष

युवा दिवस केवल एक दिन नहीं, बल्कि एक अभियान है, जो युवाओं को उनके दायित्वों का बोध कराता है। यदि युवा अपनी ऊर्जा और क्षमता का सही उपयोग करें, तो वे न केवल अपना भविष्य, बल्कि देश और समाज का भविष्य भी उज्ज्वल बना सकते हैं। वर्तमान समय में, जब समाज विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा है, युवाओं की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। इसलिए, युवा दिवस का उद्देश्य तभी पूर्ण होगा जब युवा अपनी शक्ति को पहचानें और समाज तथा देश के विकास में अपना योगदान दें। स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्मसात करके, युवा न केवल अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं, बल्कि भारत को विश्व पटल पर एक सशक्त राष्ट्र के रूप में स्थापित कर सकते हैं।

जितेन्द्र कुमार संस्थापक हिन्दी सेवा संस्थान बिहार

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