मधेपुरा नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी पर लगा 1 करोड़ 44 लाख घोटाले का आरोप। ईओ ने कहा सभी कार्य नियम संगत।

Dr.I C Bhagat
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नगर परिषद में विकास कार्य की नाकामी छुपा रहे मुख्य पार्षद ,पार्षद 


कोशी तक/ मधेपुरा 


मधेपुरा मे सीएम के प्रगति यात्रा से पूर्व हीं नगर परिषद का मुख्य पार्षद, पार्षद और ईओ के बीच चला आरोप प्रत्यारोप का दौर खुला नगर परिषद क्षेत्र मे विकास कार्यों का पौल चल रहा आरोप प्रत्यारोप का दौर, 1 करोड़ 44 लाख की राशि बिना प्रशासनिक स्वीकृति के हीं निकासी हुई में फंसा हुआ है पेच। दरअसल शहर मे लगे प्याऊ और शौचालय निर्माण कार्यों मे बरती गयी है भारी अनियमिता, नगर परिषद के वार्ड पार्षदों ने लगाया कार्यपालक पदाधिकारी पर सरकारी राशि की बंदरबांट का आरोप। वहीं नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी तान्या कुमारी ने मामले को किया एक सिरे से खारिज कहा मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप है बेबुनियाद, सशक्त बोर्ड के बैठक मे सर्व सम्मती से ली गयी निर्णय के बाद हीं राशि की हुई है निकासी। कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि हमें जो सहयोग मुख्य पार्षद और वार्ड पार्षद से मिलनी चाहिए वो नहीं मिल पा रहा है फिलहाल एक दूसरे पर छीटा कशी को लेकर शहर मे कई विकास कार्य है बाधित उन्होंने कहा कि नगर परिषद क्षेत्र मे जो भी विकास कार्य किए जा रहे है वो सभी सरकारी निर्देश और नगर परिषद के नियमानुसार हीं की जाती है। इधर नगर परिषद के कई वार्ड पार्षद ने कार्यपालक पदाधिकारी पर आरोप लगाया कि जहां एक प्याऊ की लागत 2 लाख हीं वहीं एक प्याऊ मे 9 लाख 5 हजार की राशि का बारे न्यारे की गयी है। इतना हीं नहीं शौचालय निर्माण और मरम्मती के नाम पर करोड़ों की राशि का गबन किया गया है जो जांच का विषय है इस मामले को लेकर वार्ड पार्षद नगर विकास आयोग से जांच कर कार्रवाई की मांग कर रहे है।

वही कार्यपालक पदाधिकारी तान्या कुमारी ने बताया की पिछले डेढ़ साल से नगर परिषद का काम संभाल रही हुं। कार्यालय के सभी कर्मी अच्छे से कार्यों का संचालन कर रहे हैं। लेकिन बिना नाम लिए वार्ड पार्षद और मुख्य पार्षद पर कार्यों में सहयोग नही करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा नगर परिषद में जितने भी कार्य हुए हैं नगर परिषद के एक्ट और विभाग के निर्देश के अनुसार हुए हैं। नाला का निर्माण विभाग के निर्देश के अनुसार कराए गए हैं। जिसमें कोई अनियमितता नही है। जो हमारे अधिकार क्षेत्र में नही है उसके लिए सशक्त कमिटी की बैठक और सामान्य बैठक नही हुई है जिसके कारण कई काम पेंडिंग हैं। शहर में स्ट्रीट लाइट का सर्वे कर इंजिनियर के द्वारा स्टीमेट बनाया गया है। साइनिज बोर्ड का टेंडर कर फाइनलाइज कर रखे हुए हैं। बैठक के नही होने के कारण रूका हुआ है। शहर के 34 हाई मास्क लाइट को  जेम्स पोर्टल के द्वारा ठीक कराया गया जो सभी ठीक होकर जल रहा है। लेकिन प्रशासनिक स्वीकृति के कारण संवेदक को भुगतान नही हुआ है। रही बिना स्वीकृति के प्याऊ लगाने की तो वह पहले से ही बोर्ड में है। रही बात प्रशासनिक की तो 17 अगस्त की सामान्य बोर्ड की बैठक में 17 पार्षदों के द्वारा बहुमत से स्वीकृत किया गया है। उसके बाद टेंडर हुआ प्याऊ लगा और आश्चर्य की बात की नवंबर में उसे अस्वीकृत कर दिया गया। जो अपनी नाकामी को छुपाने के लिए अनावश्यक आरोप लगा रहे हैं। जिसके कारण कई विकास के कार्य रूके हुए हैं। गरीबों के कंबल वितरण का कार्य की स्वीकृति मिली है लेकिन इसी समस्या के  कारण टेंडर नही हुआ है। कल कंबल मंगा लिया 4 माह बाद कहे इसे अस्वीकृत किया जाता है। ऐसे कैसे काम चलेगा ये लोग अपनी नाकामी छुपाने के लिए इस तरह का काम कर रहे हैं। जिसके कारण शहर में अलाव लगाने की व्यवस्था नही हुई। 


 

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