डीपीओ ने विभाग का चुल्हा केंद्र पर नही रहने को लेकर केंद्र संख्या 114 की सेविका को किया चयन मुक्त।

Dr.I C Bhagat
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सीडीपीओ ने अनुपस्थित रहने का पुछा था स्पष्टीकरण 


कोशीतक/ सिंहेश्वर मधेपुरा 


बुधवार को डीपीओ आईसीडीएस रश्मि भारती ने औचक निरीक्षण करते हुए 3 सेविका को केंद्र से अनुपस्थित रहने के लिए स्पष्टीकरण पुछा था। जिसके आलोक में बैहरी  पंचायत के मैनीराही मुसहरी टोला केंद्र संख्या 114 की सेविका अनुपम कुमारी भारती को केंद्र से अनुपस्थित रहने और मानक  के अनुरूप और विभाग का गैस चुल्हा पर खाना बनाने को लेकर सेविका पद से चयन मुक्त कर दिया गया। जानकारी के अनुसार सिंहेश्वर अन्तर्गत ग्राम पंचायत बैहरी वार्ड नंबर 11 स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र संख्या 114 की सेविका अनुपम कमारी भारती, केंद्र  संख्या 115 की सेविका नुतन कुमारी रूपौली पंचायत के केंद्र संख्या 33 की सेविका रेणु देवी, लालपुर  सरोपटटी वार्ड नंबर 3 केंद्र संख्या 84 की सेविका सुलेखा देवी का आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर औचक निरीक्षण किया।जिसमें सभी चारों केंद्र पर सेविका अनुपस्थित पाई गई। जिसमें सिर्फ अनुपम कुमारी भारती को कई  और आरोप लगा कर चयन मुक्त कर दिया गया। जिससे आंगनबाड़ी सेविका अचंभित हैं। जबकि उसके घर में गंभीर रूप से बच्चे के बिमार रहने के कारण डीपीओ का स्पष्टीकरण नही देख सकी। डीपीओ ने बताया कि इस संदर्भ में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, सिंहेश्वर से दूरभाष पर सम्पर्क करने पर उनके द्वारा बताया गया कि सेविका बिना किसी पूर्व सूचना के केन्द्र पर अनुपस्थित है। सेविका की अनुपस्थिति के बारे में बाल विकास परियोजना कार्यालय, सिंहेश्वर को कोई भी सूचना प्राप्त नहीं है। यहा तक तो मामला ठीक ठाक था। लेकिन जब चयन मुक्त किया गया तो उसमें बताया गया की केंद्र पर सेविका अनुपस्थित थी। के बाद केन्द्र पर बच्चों के खाना बनाने हेतु चूल्हा का अवलोकन करने पर पाया गया कि आंगनबाड़ी केन्द्र के एक खुले कमरे में गैस सिलेंडर रखा था। एवं सिलेंडर के साथ चूल्हा का कनेक्शन किया गया था वो बाल विकास परियोजना कार्यालय सिंहेश्वर द्वारा उपलब्ध कराया गया सिगंल स्टील का चूल्हा नहीं था। बल्कि एक बड़ा सा खुला बर्नर वाला चुल्हा पाया गया। जो चार ईट के बीच में रखा हुआ था। जिसे देखने से स्पष्ट प्रतीत हो रहा था कि केन्द्र की कर्मी के द्वारा उसी खुला बर्नर पर बच्चों के लिए पोषाहार बनाया जाता है। जो अत्यंत ही खतरनाक एवं बच्चों के स्वास्थ्य एवं भविष्य के लिए घातक हो सकता है। जिसके कारण केन्द्र पर कभी भी कोई अप्रिय घटना हो सकती है। जबकि सुरक्षा के दृष्टिकोण से कई  माह पुर्व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों के खाना बनाने हेतु रसोई गैस एवं चूल्हा कई माह पूर्व ही उपलब्ध कराया गया है। जिससे साबित होता है कि सेविका के द्वारा जानबूझकर अपने मनमर्जी से आंगनबाड़ी केन्द्र का संचालन किया जाता है। सेविका बिना किसी पूर्वानुमति के अपने कर्तव्य स्थल से अनुपस्थित रहती है। और खुला बर्नर चुल्हा का उपयोग कर आंगनबाड़ी केन्द्र पर पढ रहे छोटे-छोटे बच्चों के लिए पोषाहार बनाया जा रहा है। जो केन्द्र के बच्चों एवं कर्मियो के लिए अत्यंत ही घातक है। कभी भी कोई भी अप्रिय घटना केन्द्र पर घट सकती है। यह आरोप लगाकर सेविका को चयन मुक्त कर दिया। यह आरोप पुछे गए  स्पष्टीकरण में क्यों  नही लगाया गया यह एक बड़ा सवाल है? वही उनसे मिलने गए सभी सेविका निर्दोष साबित हो गई। 




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