समाहरणालय मधेपुरा से निकली फरमान, स्वच्छता की अनदेखी अच्छी बात नही।
कोशीतक/ सिंहेश्वर मधेपुरा
गले में सरकारी सेवक होने का पहचान-पत्र लटकाए आपने किसी स्टाफ को खुले में पेशाब करते हुए भले ही कभी न कभी देखा होगा। लेकिन इस अपराध के लिए स्टाफ को लिखित में वरीय अधिकारी द्वारा शो काज पूछे जाने का मामला शायद ही आपने कभी देखा और सुना होगा। अलबत्ता, बिहार के मधेपुरा जिले के कलेक्ट्रेट के एक परिचारी चतुर्थवर्गीय कर्मचारी को ऐसा करने के कारण कलेक्ट्रेट के गोपनीय शाखा के प्रभारी पदाधिकारी ने शो कॉज पूछकर जवाब मांग है।
दरअसल, 27 जून की दोपहर को परिचारी नंदन कुमार गले में सरकारी कर्मी होने का पहचान-पत्र लटकाकर कलेक्ट्रेट के समीप स्थित जज कॉलोनी के निकट सरकारी आवासीय परिसर के खुले में पेशाब कर रहा था। इसी दौरान जिलाधिकारी विजय प्रकाश मीणा भी अपने आवास से वापस कलेक्ट्रेट की ओर आ रहे थे। मौके पर ही जिलाधिकारी ने परिचारी को ऐसा करते देख लिया। उस वक्त तो उन्होंने परिचारी नंदन को कुछ नहीं कहा, लेकिन कुछ देर के बाद गोपनीय शाखा से नंदन को शो- कॉज भेज दिया गया।
इसी इलाके में रहते हैं जिलाधिकारी
जिस इलाके में परिचारी के द्वारा खुले में पेशाब किया जा रहा था, वह मधेपुरा शहर का वीआईपी इलाका है। इसी क्षेत्र में कलेक्ट्रेट, कोर्ट, रजिस्ट्री कचहरी, डीआरडीए, नगर पंचायत कार्यालय है. साथ ही जज, जिलाधिकारी, एसपी और अन्य वरीय
जारी पत्र में दिखी थी ये बात
जिला गोपनीय शाखा के प्रभारी पदाधिकारी पंकज कुमार घोष ने जारी पत्र में कहा है कि 27 जून की दोपहर को जिलाधिकारी द्वारा आपको परिचारी नंदन जज कॉलोनी के निकट सरकारी आवासीय परिसर में खुले में मूत्र विसर्जन करते हुए देखा गया। आपका यह कृत्य स्वच्छ भारत मिशन और लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के विपरीत है। सरकारी आवासीय कॉलोनी में ऐसा कृत करके आप महामारी और वातावरण को दूषित कर रहे हैं। सरकारी कर्मी होते हुए आपके द्वारा सरकारी उद्देश्य योजना के विपरीत कार्य करना बिहार सेवा संहिता के प्रावधानों के विपरीत है। अतः उपयुक्त वर्णित तथ्यों के आलोक में पत्र प्राप्ति के 24 घंटे के अंदर अपना स्पष्टीकरण समर्पित करें, उक्त कृत के लिए आपके विरुद्ध क्यों अनुशासनिक कार्रवाई नहीं की जाए।
सरकारी आचरण के विरूद्ध था कृत्य
इस बाबत जिला गोपनीय शाखा के प्रभारी पदाधिकारी पंकज कुमार घोष ने कोशीतक को बताया कि कलेक्ट्रेट के परिचारी नंदन कुमार का कृत्य सरकारी आचरण के विरूद्ध था। खुले में शौच करने, पेशाब करने, पान-गुटखा खाकर इधर-उधर थूकने आदि से वातावरण दूषित होता है। वैसे तो ऐसा काम किसी को भी नहीं करना चाहिए। अलबत्ता इस तरह का कार्य अगर कोई सरकारी कर्मी करे, तो यह और भी निंदनीय है। इसलिए संबंधित परिचारी से शो-कॉज पूछा गया है। जवाब आने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।