श्री हरि कथा को लेकर सिंहेश्वर में गाजे बाजे के साथ निकाली गई भव्य कलश शोभायात्रा।

Dr.I C Bhagat
0

 

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के द्वारा निकाली भव्य कलश शोभायात्रा 


कोशी तक/सिंहेश्वर मधेपुरा


नगर पंचायत सिंहेश्वर में गाजे बाजे के साथ 1100 कन्या और महिलाओं ने शोभायात्रा में कलश लेकर हुई भाग लिया। मालूम  हो की दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा मेला ग्राउंड सिंहेश्वर मधेपुरा में 5 दिवसीय श्री हरि कथा  को लेकर भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा श्री हरि कथा स्थल मेला ग्राउंड से धनबाद चौक, गौरीपुर ब्राह्मण टोला, शिवपुरी मोहल्ला, प्रखंड कार्यालय से मेन रोड होते हुए महावीर चौक, पोस्ट आफिस से होते हुए दक्षिण पेट्रोल पंप से वापस शान्ति वन गली होते हुए राम जानकी ठाकुर बाड़ी पुल से निकल कर दुर्गा मन्दिर चौक, लेहेरी टोला से पिपरा मेन रोड से पुनः वापस दुर्गा मन्दिर चौक से होते हुए सिंहेश्वर मन्दिर के पिछे वाय पास से पुनः कथा स्थल पहुंची। इस कलश शोभायात्रा में 1100 सौभाग्यशाली महिलाएं व  कुमारी कन्याओं ने श्रद्धा भक्ति के साथ कलश लेकर परिक्रमा में शामिल हुई। यात्रा के दौरान ग्रामीणों के द्वारा नींबू पानी की जगह-जगह व्यवस्था की गई थी। श्री हरि कथा में कलश शोभायात्रा में शामिल बालिका और महिलाएं।

श्री हरि कथा का शुभारंभ मंगल कलश यात्रा से किया गया। कथा के प्रथम दिन सर्वश्री आशुतोष महाराज जी के शिष्या साध्वी अमृता भारती ने  आध्यात्मिक विवेचना से परिपूर्ण श्री  हरि कथा का वाचन करते हुए कहा युगों युगों हरि तुम बदले चोले, नित नए रूप में तू समझावे, पर हम तेरा भेद ना कोई जाने। यूं तो प्रभु अनेकों रूप में इस धरा पर आए लेकिन प्रभु का दशावतार मुख्य रूप माना जाता है। श्री हरि का धरा पर प्रकटीकरण के यूं तो अनेकों कारण है और सभी परम विलक्षण है। त्रेता में भगवान राम ने जहां वन प्रदेश में छिपे दैत्यों का वध किया। वही हनुमान और तारा जैसे भक्तों को विमल विलोचन प्रदान कर अपने विराट रूप का दर्शन भी कराया। वही द्वापर में एक तरफ श्री कृष्ण में पूतना, कंस, शिशुपाल आदि प्रवृत्तियों का नाश किया वही कुरुक्षेत्र की भूमि में अर्जुन को दिव्य दृष्टि द्वारा विराट रूप का दर्शन भी कराया। समय चक्र घूमता रहा कलयुग में आते-आते राक्षसी प्रवृत्तियां किसी खास वर्ग तक सीमित नहीं रही अपितु समस्त नर नारियों के हृदय को कलुषित करने लगी। इसलिए कलयुग के अवतारी महापुरुषों ने दुराचारियों के हृदय परिवर्तन पर बल दिया और इस कार्य के लिए ब्रह्म ज्ञान को अपना अस्त्र बनाया। सज्जन ठग, अंगुलिमाल, पिंगला वेश्या आदि के हृदय को ज्ञान द्वारा परिवर्तित कर उसे सच्चा मानव, सच्चे भक्त की श्रेणी में ला खड़ा कर दिया। साध्वी जी ने कहा कि प्रभु की कथा में छिपे बहुमूल्य सूत्र ना केवल वृद्ध वर्गों के लिए अपितु युवाओं और बच्चों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जहां हर ओर तनाव और अवसाद ने विशेष जगह बना ली है। ऐसी स्थिति में प्रभु की कथा हमें वह दिशा प्रदान करती है जो हमारी जिंदगी की दशा को बदल देती है। कलश शोभायात्रा में शामिल महिलाओं को भंडारा कराते 

शिष्य स्वामी श्री.यादवेंन्द्रानंद जी ने कहा कि आज के इस युग में इंसान बौद्धिक विकास, मानसिक विकास, शारीरिक विकास की ओर तो जागरूक है पर आत्मिक विकास के अभाव में इंसान पतन की ओर जा रहा है। पूर्ण संत मानव को आत्मिक तौर पर जगा कर श्रेष्ठ समाज का निर्माण कर रही है। राजेश खेतान, श्याम किशोर मंडल जी के दिशा निर्देशन में एवं समस्त ग्रामीण के सहयोग से सफलतापूर्वक मंगल कलश यात्रा पूर्ण किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन दिलीप खंडेलवाल के द्वारा झण्डा दिखाकर आरंभ किया गया। साथ में बिहार झारखंड प्रभारी स्वामी यादवेंद्रानंद, स्वामी सुकर्मानंद, राजेश खेतान, श्याम किशोर मंडल, रामू जी, शम्भू प्रसाद गुप्ता, पीताम्बर सिंह, ब्रह्मदेव, मनीष यादव, दिनेश शर्मा, नरेश यादव, पंडित सन्त कुमार सहित सभी ग्राम वासियों मौजूद रहे।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)
//banner