दीक्षारंभ कार्यक्रम का उद्घाटन करते एसडीओ धीरज कुमार
कोशी तक/सिंहेश्वर मधेपुरा
युवावस्था जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय है और यही समय हमारे पूरे जीवन का निर्धारण करता है। अतः हमें इस अवस्था में काफी सोच-समझकर कार्य करना चाहिए।यह बात मधेपुरा के अनुमंडल पदाधिकारी धीरज कुमार सिन्हा ने कही। वे शनिवार को प्राक्र परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र द्वारा आयोजित दीक्षारंभ कार्यक्रम का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपना आत्ममूल्यांकन करना चाहिए। अपनी क्षमताओं को पहचानते हुए अपने जीवन का एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और उसकी प्राप्ति के लिए हरसंभव कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि विद्यार्थी ईमानदारी से मेहनत करेंगे, तो उनको अवश्य ही लक्ष्य की प्राप्ति होगी। उनका जीवन तो खुशहाल होगा ही, इसके साथ-साथ उनके परिवार, समाज एवं राष्ट्र में भी खुशहाली आएगी। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे नियमित रूप से अध्य्यन करें और सफलता प्राप्त कर समाज में एक उदाहरण प्रस्तुत करें। एक व्यक्ति की सफलता से दूसरे के लिए भी प्रेरणा बनती है और दूसरे के सफलता का भी मार्ग खुलता है।प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र में दीक्षारंभ में शामिल छात्र
मुख्य अतिथि जिला कल्याण पदाधिकारी रामकृपाल प्रसाद ने कहा कि प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र विभिन्न स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए प्राक् प्रशिक्षण केंद्र संचालित हो रहा है। इसके अलावा मुख्यमंत्री व्यावसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण केंद्र भी है, जिसमें विद्यार्थियों को एनईटी, जीएटीई, जेआरएफ, पीएचडी आदि प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है। दोनों केंद्र पूर्णतः निशुल्क है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार विद्यार्थियों के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। इस केंद्र में भी विद्यार्थियों को सुयोग्य शिक्षकों का मार्गदर्शन मिल रहा है। इस शीतकालीन सत्र से दोनों केंद्रों में नामांकित सभी छात्रों को पचहत्तर प्रतिशत उपस्थित पूरी करने पर तीन हजार रुपए प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी।उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों से कहा सभी के जीवन में समस्याएं आती हैं। समस्याओं से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उसका डटकर मुकाबला करते हुए सफलता के मार्ग पर चलते रहना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए निदेशक सह कुलानुशासक डॉ. विश्वनाथ विवेका ने कहा कि सभी विद्यार्थी नियमित रूप से कक्षा में आएं। आपने आपको नामांकन तक सीमित नहीं रखें, बल्कि कक्षा में सक्रिय रूप से भाग लें। सभी जिज्ञासु बनें और अपने अंदर ज्ञान प्राप्त करने की भूख एवं प्यास जगाएं। उन्होंने कहा कि केंद्र में सीटों की संख्या सीमित है। इसलिए जो छात्र भी नामांकित हुए हैं, उनकी जिम्मेदारी है कि वे पूरे लगन एवं मेहनत से पढ़ाई करें और सफलता प्राप्त कर केंद्र का नाम रौशन करें।अतिथियों का स्वागत करते हुए विकास पदाधिकारी प्रो. डॉ. ललन प्रसाद अद्री ने कहा कि जो विद्यार्थी दृढ़ निश्चय के साथ कार्य करते हैं, उन्हें अवश्य ही सफलता मिलती है। उन्हें विश्वास है कि विश्वविद्यालय में संचालित दोनों केंद्रों के विद्यार्थी बेहतर प्रदर्शन कर विश्वविद्यालय एवं समाज का नाम रौशन करेंगे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए उपकुलसचिव स्थापना डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा बिहार सरकार द्वारा बीएनएमयू में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिला प्रशासन ने सरकार से विश्वविद्यालय में दो हास्टल बनाने की अनुशंसा की है। सरकार को प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण केन्द्र के नए भवन के लिए भी प्रस्ताव भेजा गया है। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। अतिथियों को अंगवस्त्र, पुष्पगुच्छ एवं डायरी भेंटकर स्वागत किया गया। सभी अतिथियों, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने एक-दूसरे का परिचय प्राप्त किया। सभी विद्यार्थियों को शपथ दिलाई गई कि वे नियमित रूप से कक्षा में आएंगे और पूरी ईमानदारी से तैयारी करेंगे। इस अवसर पर सौरव कुमार चौहान, सहायक मनीष कुमार, आशीष, चिंटू, आदित्य, नीरज, अमर, अंकित, सावन, राजेश, शिवशंकर, उज्जवल, पवन, कृष्ण कुणाल, विकास, शिवशंकर कुमार, मनीष, अवधेश, सुधांशु कुमार, वीरेंद्र, नीतीश, सुचिता, खुशबू, मधु, वर्षा, गुंजन भारती, नीतू, पूजा, जूही, सोनी, निशा, प्रतिभा, सोनम, रंजन, रूपम, कल्पना, सुबोध आदि उपस्थित थे।
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