कोशी तक/गम्हरिया, मधेपुरा
बिहार के मधेपुरा जिला के प्रखंड मुख्यालय गम्हरिया स्थित सद्गुरु महर्षि मेंही सत्संग ज्ञान योग आश्रम एवम संत सेवी ज्ञान वाटिका आश्रम संत सेवी ग्राम गम्हरिया में परम पूज्य महर्षि संत सेवी परमहंस जी महाराज की जयंती समारोह हर्षोल्लास पूर्ण वातावरण में धूमधाम से मनाई गई। बता दे कि गम्हारिया की पावन धरती पर अवतरित विश्व के महान संत संत सेवी जी महाराज का जन्म बिहार के मधेपुरा जिला के प्रखंड मुख्यालय गम्हरिया स्थित कायस्थ टोला में कायस्थ परिवार में 20 दिसंबर 1920 ई. को बलदेव दास वर्मा की धर्मपत्नी राधा देवी के कनिष्क संतान के रूप में हुई थी। इनके बचपन का नाम महावीर लाल दास था। इनकी प्राथमिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई थी। तथा मिडिल की शिक्षा मधेपुरा जिला के बभनी गांव से प्राप्त किया। पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उन्होंने आगे की पढ़ाई नहीं कर पाए। अपने दो बड़े भाई की युवावस्था में ही मौत हो जाने के बाद जीवन की क्षण-भंगुरता और संसार की निस्तारित ने उनके भीतर वैराग्य को जन्म दिया और उन्होंने सन 1938 में घर बार छोड़कर शांति की खोज में निकल गए। सन 1939 में संत मत के तत्कालीन आचार्य महर्षि मेही दास के सानिध्य में चले गए और उनकी सेवा में खुद को समर्पित कर दिए। महर्षि मेंही ने जब उनकी भक्ति भाव और गुरु के प्रति सेवाओं को देखा तो मानो रामकृष्ण के लिए नरेंद्र और बुद्ध के लिए आनंद मिल गया हो। तभी सदगुरु महाराज महर्षि मेंही में महावीर नाम को बदलकर संत सेवी रख दिया। संत सेवी जी महाराज उच्च शिक्षा हासिल किए बगैर हिंदी के अलावा बंगला, मैथिली, फारसी, पंजाबी और अंग्रेजी के अच्छे भाषा कार थे। उनकी लिखी कई रचना आज भी लोगों के लिए प्रेरणादायक सिद्ध हो रही है। संत सेवी जी महाराज की जयंती समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सद्गुरु महर्षि मेही सत्संग ज्ञान योग आश्रम के स्वामी कैलाशानंद बाबा ने कहा कि सत्संग एक उत्तम तीर्थ है। जहां जन्म जन्मान्तरों के कारण करोड़ों पाप दूर हो जाते हैं। और सत्संग में जाने से जीव पर माया का प्रभाव नहीं पड़ता है। सत्संग से मन निर्मल और पवित्र हो जाता है। इसलिए पूर्ण संतों का सत्संग जरूर करें। वहीं संत सेवी ज्ञान वाटिका आश्रम की ओर से विशाल भंडारा का आयोजन किया गया ।
सद्गुरु महर्षि मेही सत्संग ध्यान ज्ञान आश्रम में आयोजित संत सेवी जी महाराज जयंती समारोह को सफल बनाने में राजेंद्र भगत, मनिंद्र भगत, धीरज भगत, वशिष्ठ कुमार, उपेंद्र भगत सियाराम भगत, वीरेंद्र दास, सुमित्रा देवी, मीना देवी, रामचंद्र भगत, सुनैना देवी, भारती देवी, बबिता देवी, रीना देवी सहित अन्य शामिल है।
वहीं संत सेवी ज्ञान वाटिका आश्रम संत सेवी नगर ग्राम गम्हरिया में संत सेवी महाराज की जयंती को सफल बनाने में उमाशंकर यादव, बलराम यादव, मनोज सिंह, राजो भगत, नीरज भगत, सागर भगत, कामता प्रसाद यादव, पंकज कुमार वर्मा, विंदेश्वरी मेहता, लाला सुरेंद्र, उदय नारायण यादव, प्रकाश लाल दास, वीरेंद्र यादव, सागर भगत, राहुल भगत, कलानंद मंडल सहित अन्य का योगदान काफी सराहनीय है।
अरविंद कुमार प्रभाकर की रिपोर्ट