कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा
राष्ट्रीय सेवा योजना युवाओं को समाज एवं राष्ट्र से जोड़ने का एक माध्यम है। इससे जुड़कर युवा अपने व्यक्तित्व एवं चरित्र का विकास कर सकते हैं और समाज एवं राष्ट्र के नवनिर्माण में भी योगदान दे सकते हैं। यह बात ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव ने कही। वे बुधवार को महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रथम इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर के समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्र का भविष्य युवाओं पर निर्भर करता है। युवाओं के कंधे पर ही वर्ष 2047 तक भारत को विकसित बनाने की जिम्मेदारी है।शिविर में भाग लेने वाली छात्र छात्राएं
इस अवसर पर मुख्य अतिथि गणित विभागाध्यक्ष ले. गुड्डु कुमार ने कहा कि सात दिवसीय विशेष शिविर में प्रत्येक दिन युवाओं को कुछ-न-कुछ सीखने को मिला। युवाओं को स्वच्छता एवं स्वास्थ्य से संबंधित व्यावहारिक जानकारी भी दी गई। उन्होंने कहा कि युवाओं को पठन-पाठन के साथ-साथ सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहिए। दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि महाविद्यालय के सर्वांगीण विकास में युवाओं की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। युवाओं के लिए विभिन्न तरह की सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत है। धन्यवाद ज्ञापन मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर कुमार मिश्र ने कहा कि शिविर में शामिल युवाओं को सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। इससे उनका ज्ञानवर्धन हुआ। कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी ने युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और महाविद्यालय के संस्थापक कृति नारायण मंडल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। अतिथियों का अंगवस्त्रम से स्वागत किया गया। राष्ट्रगान जन-गण-मन के सामूहिक गायन के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर शोधार्थी सौरभ कुमार, करण कुमार, अभिनव कुमार, भूषण कुमार, भारती कुमारी, मनोज कुमार आदि उपस्थित थे।
विभिन्न विषयों पर हुई परिचर्चा
डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि मालूम हो कि शिविर में महाविद्यालय की प्रथम इकाई के पचास चुने हुए स्वयंसेवक एवं स्वयं सेविकाओं ने भाग लिया। शिविरार्थियों ने विभिन्न घरों में शिक्षा, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य संबंधी सर्वेक्षण किया। इसके अलावा प्रत्येक दिन विभिन्न विषयों पर परिचर्चा भी हुई।