कोशी तक/सिंहेश्वर मधेपुरा
विद्यापति धाम, लछमिनिया सहरसा में मिथिला संस्कृति महोत्सव का आयोजन किया गया। मिथिला क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से आए शुर सम्राट एवं मशहूर कलाकारों द्वारा लोक कला की मार्फत अपने लोक संस्कृति गीत, संगीत, नृत्य और लोकनाट्य की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति की गई। महोत्सव का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर मधेपुरा सांसद दिनेश चन्द्र यादव, महिषी विधानसभा क्षेत्र से विधायक गुंजेश्वर साह आदि ने संयुक्त रूप से किया। मौके पर सांसद श्री यादव ने कहा महाकवि विद्यापति का व्यक्तित्व विराट है। संस्कृत, अवहट्ट और हिंदी के अधिकारिक विद्वान थे। उन्होंने उत्तर भारतीय लोक एवं शिष्ट संस्कृति को गहराई से प्रभावित किया। 'उगना रे मोर कतेगले' विद्यापति के जीवन का ऐसा दृष्टांत है जो आमजन की संवेदना को झकझोर देता है। मधेपुरा से आएं रंगकर्मी विकास कुमार के टीम ने कई महोत्सव में इसका बहुत मार्मिक मंचन किया हैं।
कवि विद्यापति के पुकार प्रगट होते भगवान भोलेनाथ
महोत्सव में मिथिला क्षेत्र के नामचीन कलाकारों ने एक से बढ़कर एक मिथिला गीत, नृत्य की बेहतरीन प्रस्तुति से दिल जीत लिया.इसी कड़ी में सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक क्षेत्र में काम करने वाली चर्चित संस्था सृजन दर्पण के मशहूर रंगकर्मी और निर्देशक विकास कुमार निर्देशित विद्यापति की रचना उगना रे मोर कते गेला 'भाव नृत्य की संदेश मूलक प्रस्तुति दी। इसमें उन्होंने भारतीय लोक मानस में आदि काल से जमे विश्वास को मूर्त रूप अपने बेहतरीन अभिनय के जरिए दिया। भावनृत्य के माध्यम से रंगकर्मियों ने यह संदेश दिया कि अपने भक्त के सच्चे हृदय की पुकार पर भगवान भी हाजिर हो जाते हैं, विद्यापति की करूण पुकार पर जब आदि देव शंकर मंच पर अवतरित हुए तब दर्शक वर्ग रंगकर्मियों के अभिनय देख कर भाव विभोर हो गए। विद्यापति की जीवंत भूमिका में रंगकर्मी विकास कुमार, जबकि भगवान शंकर का सत्यम कुमार ने बेहतरीन किरदार निभाया। रंगकर्मियों की दिलकश प्रस्तुति को मौके पर डीसीएलआर ललित कुमार सिंह और मौजूद दर्शकों ने तालियों के गड़गड़ाहट से खूब सराहा। भाव नृत्य की प्रस्तुति को सफल बनाने में महोत्सव के संस्थापक निर्मल आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाया। कार्यकम के दौरान रंगकर्मी बिकास एवं टीम को सांसद दिनेश चंद्र यादव और विधायक गुंजेश्वर साह ने अंगवस्त्र एवं प्रतिक चिन्ह से सम्मानित भी किया। संचालन संयोजक किशलय कृष्ण और प्रवीण कुमार ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में कलाप्रेमी और दर्शक गण मौजूद थे।