-विश्व मानसिक स्वास्थ दिवस पर सदर अस्पताल में परामर्श जागरूकता शिविर का आयोजन
मधेपुरा।
विश्व मानसिक स्वास्थ दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल मधेपुरा के ओपीडी परिसर में मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित परामर्श जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्घाटन एसीएमओ डॉ. अब्दुस सलाम, एनसीडीओ डॉ. रंजना कुमारी, डीवीडीसीओ डॉ. मुकेश कुमार सिंह, मेडिकल ऑफिसर डॉ. सचिन कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रचलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। मौके पर एनसीडीओ डॉ. रंजना कुमारी ने कहा कि इस बार का थीम मेंटल हेल्थ इज ए यूनिवर्सल हयूमेन राइट के तहत मनाया जा रहा है। इसके तरह मेंटल के मरिजों को कब मानसिक चिकित्सक से सहायता लेनी चाहिए, इस पर फोकस रहेगा। उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से सोचने और दैनिक कार्यकलापों को करने में कठिनाई होना, बार-बार नकारात्मक विचारों को आना, आदत मन इच्छा और एकर्ता को अचानक परिवर्तन का होना, वैसी चीजों को देखना और सुनना जो आसपास मौजूद नहीं होना, आत्महत्या का विचार आना या आत्महत्या करने का प्रयास करना के अलावा क्रोध व चिंता, अपराध, उदासी या खुशी की लागत अनुभूति आदि लक्षण है। एमओ डॉ. सचिन कुमार ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार दुनिया भर में कुल बीमारियों में से लगभग 15% मानसिक बीमारी से संबंधित हैं। डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा है कि भारत की सबसे बड़ी आबादी अवसाद और चिंता से लेकर सिज़ोफ्रेनिया जैसी गंभीर स्थितियों तक मानसिक बीमारियों से पीड़ित हैं। अनुमान है कि 2012-2030 के दौरान मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के कारण आर्थिक नुकसान 1.03 ट्रिलियन डॉलर है। ऐसी चिंताजनक स्थिति का मुख्य कारण मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे लोगों के प्रति समझ, जागरूकता, संवेदनशीलता और कलंक की कमी है। भारत में मानसिक स्वास्थ्य कर्मियों की गंभीर कमी है। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 से शुरू होकर जीवन के अधिकार का विस्तार स्वास्थ्य के अधिकार को शामिल करने के लिए किया गया है। यह आवश्यक है कि मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों को उनके घरों और समाज में अच्छी गुणवत्ता वाली मानसिक स्वास्थ्य देखभाल और रहने की स्थिति मिले।
अधिकार पर नाटक का मंचन:=================
कार्यक्रम में सृजन दर्पण के सचिव सह युवा रंगकर्मी विकास कुमार द्वारा लिखित और निर्देशित जीवन चेतना नामक नुक्कड़ नाटक का बेहतरीन मंचन किया गया। गीत, नृत्य और लघु नाटिका कि जरिए जन मानस को जागरूक करने का रंगकर्मियों ने सफल प्रयास किया कि कैसे बच्चों और युवाओं में युवावस्था की परेशानियों से होने वाले डिप्रेशन के कारण, आत्महत्या करने और उनसे परिवारों को होने वाली समस्याओं का चित्रण करते हुए आम लोगों को किसी भी प्रकार की समस्या होने पर जिला अस्पताल में स्थित स्पर्श क्लीनिक में उपचार कराने की सलाह दिया। इसमें मुख्य किरदार रंगकर्मी बिकास कुमार, रंजीत कुमार, सोरभ कुमार, भावेश कुमार, संध्या यादव, निशा कुमारी, शिवानी कुमारी, रेशम कुमारी, सृष्टि कुमारी और मौसम कुमारी ने अपने संदेश मूलक मंचन से जागरूक करने कि कोशिश किया है। कलाकारों ने जीवंत प्रस्तुति से बताया कि लोगों के जीवन में तेजी से बढ़ते मानसिक विकार वैश्विक स्वास्थ्य के लिए बड़ा जोखिम हैं। बदलते समय के साथ इसका खतरा और भी बढ़ता जा रहा है। मंचन से जुड़े संवाद के जरिए यह भी कहा कि 15 साल से कम आयु वाले बच्चे भी इसके शिकार होते जा रहे हैं। उनके जीवन की लाइफस्टाइल-आहार में गड़बड़ी को इन विकारों का प्रमुख कारण बताया है। इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. विपिन कुमार, डॉ शशि कुमार, डॉ. प्राची आनंद, टीअो डॉ. अमना, डीपीएम प्रिंस कुमार, संजीव कुमार वर्मा, अस्पताल प्रबंधक नवनीज चंद्र, दीपक कुमार समेत सभी हेल्थ कर्मी मौजूद थे।
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