स्वतंत्रता सेनानी राजेश्वर प्रसाद सिंह की पुण्यतिथि मनाई गई।

Dr.I C Bhagat
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स्वतंत्रता संग्राम अगस्त क्रांति के प्रणेता शिक्षाविद राजेश्वर प्रसाद सिंह की 34वीं पुण्यतिथि मनाई गई।


सिंहेश्वर मधेपुरा 


स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी योद्धा अगस्त क्रांति के प्रणेता शिक्षाविद राजेश्वर प्रसाद सिंह की 34वीं पुण्यतिथि ग्वालपाड़ा प्रखंड अंतर्गत तरूणेश्वरपुर स्थित झिटकिया में मनाई गई। जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने उनके तेल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया। उनके पुत्र समाजसेवी योगेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि राजेश्वर बाबू शुरू से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। आजादी के आंदोलन में उनका योगदान अतुलनीय रहा है।स्वतंत्रता संग्राम में उनके उल्लेखनीय योगदान हेतु तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आजादी के 25 वें वर्ष पर उन्हें ताम्रपत्र से सम्मानित किया था। आजादी के दौरान अंग्रेजों के द्वारा उन्हें 6 वर्षों तक जेल की काल कोठरी में बंद कर दिया गया था। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उनके संघर्षों को याद कर लोग भावुक हुए। शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्य के लिए वे सदैव याद किए जाएंगे। शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय मधेपुरा में प्राचार्य रहकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दिया। अपने व्यक्तित्व और कृतित्व के कारण ऐसे महापुरुष हमेशा के लिए अमर हो गए। और युगों युगों तक याद किए जाते रहेंगे। इस अवसर पर ब्रिजेंद्र नारायण सिंह, पूर्व उपमुखिया सुरेन्द्र नारायण सिंह, प्रो.विजयवीर सिंह, हरिवंश सिंह, शोभाकांत यादव, प्रो.श्यामानंद सिंह, पैक्स अध्यक्ष रामानंद यादव, डा. विनोद कुमार सिंह, विनय सिंह, अशोक कुमार, सुरेन्द्र ना. सिंह, राजन सिंह, सोनू सिंह, किशन सिंह, गोविन्द मोहन, सुमन कुमार के साथ बड़ी संख्या में गणमान्य व ग्रामीण मौजूद थें।

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