बहुप्रतीक्षित योजना को मिली सरकार की मंजूरी, 204.66 किलोमीटर का होगा नया मधेपुरा

SONU KUMAR
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- आगामी 20 वर्ष को लेकर तैयार किया गया मास्टर प्लान

- शहर से सटे तीन ब्लॉक के 31 राजस्व गांव को किया गया शामिल
- शामिल गांव में अब तेजी से बनेगा इंडस्ट्रीयल एरिया
- ग्रामीण क्षेत्रों को प्लानिंग एरिया के तहत विकसित करने से पलायन भी होगा कम
- ग्रामीण क्षेत्रों को प्लानिंग एरिया के तहत विकसित करने से बढ़ेगी रोजगार की संभावना
- मास्टर प्लान के बाद ऐसे इलाकों में बनने वाली घरों का नक्सा नप से बनेगा
- मास्टर प्लान में मधेपुरा के अलावा धैलाढ़ व सिंहेश्वर प्रखंड के होगे राजस्व नगरपरिषद
संवाद सूत्र
मधेपुरा:- जिला के शहरी क्षेत्र का विकास अब तेजी से होगा। चार साल पूर्व तैयार किया गया मधेपुरा पलानिंग एरिया को नगर विकास विभाग ने मंजूरी दे दी है। इसके लिए बजाप्ता गजट प्रकाशित किया है। इससे मधेपुरा से सटे शहरी क्षमता वाले ग्रामीण इलाकों को समेकित रूप से विकसित किया जाएगा। इसके तहत मधेपुरा नगरपरिषद एवं इसके आसपास स्थित महत्वपूर्ण एवं शहरी क्षमता वाले ग्रामीण क्षेत्रों के समेकित एवं सुनियोजित विकास के उद्देश्य से अगले 20 वर्ष के लिए प्लानिंग किया गया है। इस प्लानिंग के तहत शहरों से सटे वैसे क्षेत्र जो शहरी सुविधा देने योग्य हैं, उन्हें विकसित कर शहर बनाया जाएगा। इस मामले में नप ने इसी साल के जनवरी में लोगों से सुझाव व आपत्ति भी मांगी थी। लेकिन किसी के द्वारा आपत्ति नहीं आने से सरकार के लिए आगे का मामला प्रशस्त हो गया था। नप के ईओ तन्या कुमारी के अनुसार मास्टर प्लान का मतलब अगले 20 वर्ष का ऐसा प्लान जिससे शहर का विकास स्मार्ट सिटी के रूप में हो। उन्होंने बताया कि इस मास्टर प्लान में शहर से सटे तीन ब्लॉक के 31 राजस्व गांव को शामिल करने की योजना है। मास्टर प्लान पर काम शुरू होगा तो मधेपुरा से सटे ग्रामीण इलाकों का शहरी विकास प्राधिकरण के तहत विकसित होगा। इस प्लान से जहां शहर से सटे कई इलाकों के विकास की रफ्तार में तेजी आएगी वहीं ऐसे इलाके के लोगों को अब घर बनाने के लिए मधेपुरा नगर परिषद से नक्सा प्राप्त करना होगा। उन्होंने बताया कि शहर से सटे इलाकों में बनने वाली सड़क शहरी विकास को लेकर किया जाएगा। इसके अलावा संबंधित क्षेत्र में मूलभूत संसाधन मधेपुरा शहर की तरह होगा। मसलन स्ट्रीट लाइट, कूड़ा का उठाव, पानी की सुविधा, पार्क, इंडस्ट्रीयल एरिया का निर्माण होगा। उनका कहना है कि मास्टर प्लान के तहत शहर के तहत संबंधित पंचायत में सभी सुविधा मिलेगी। जेई दिनेश दास ने बताया कि 20 साल बाद होने वाली दिक्कत को ध्यान में रखते हुए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।

*ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ेगी आर्थिक असमानता और मंहगाई

सरकार द्वारा मधेपुरा शहरी क्षेत्र के विकास के लिए बनाई जा रही मास्टर प्लान पर कुछ लोगों ने आपत्ति भी व्यक्त की है। साहुगढ़ निवासी दिलीप साह व जानेश्वर शर्मा ने कहा कि शहर से सटे 32 राजस्व गांव को शामिल किया जा रहा है। यह एक तरह से कृषि क्षेत्र को कम करने से लेकर ग्रामीण परिवेश को बर्बाद करने की साजिश है। दोनो का कहना है कि इससे फायदा कम होगा वहीं जमीन की दलाली करने वाले व पूंजीवादी लोगों की मनमानी ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ेगी। बेहतर होता कि केवल शहर से सटे गांव को शामिल किया जाता। हालांकि भर्राही निवासी अरूण साह, योगेन्द्र साह का कहना है कि इससे शहर से सटे गांव के मुख्य बाजार में रौनक आएगी। व्यवसाय का नया आयाम खुलेगा। सड़क से लेकर गली तक की सफाई की बेहतरीन व्यवस्था होगी।

*23 साल बाद भी शहर मूलभूत सुविधा से दूर

2001 से मधेपुरा नगर निकाय कार्य कर रहा है। पहले नगर पंचायत थी। 2007 के बाद नगरपरिषद बना। इस बीस साल की पड़ताल करें तो मूलभूत सुविधा व स्मार्ट सिटी में काफी फासला है। 22 साल में शहर को एक डंपिग जोन तक नहीं मिल पाया है। वहीं सिवरेज सिस्टम का मामला पांच साल से अधर में लटका है। शहरी क्षेत्र में अभी भी बनने वाले 80 प्रतिशत घर नक्सा के बावजूद मनमाने तरीके से तैयार हो रहा है। जिसके कारण गलियां काफी सकरी है। वेन्डिंग जोन को व्यवस्थित नहीं हो पाया है। लोगों को आंशका है कि यह केवल राजनीति शगुफा है। पुरानी बाजार निवासी अलाउल्लाह काजमी कहते हैं कि पहले वर्तमान शहरी क्षेत्र को तो स्मार्ट बनाए तब क्षेत्र के विस्तार के बारे में सोचे।
 
*शहर से सटे तीन प्रखंड के 31 राजस्व गांव को किया जाएगा शामिल

मास्टर प्लान में नगर परिषद के प्रारूप प्रस्ताव में शहरी निकाय के रूप में कुल क्षेत्रफल 204.66 वर्ग किलोमीटर होगा। जिसके शहरी क्षेत्र का क्षेत्रफल 17.76 वर्ग किलोमीटर एवं शेष ग्रामीण क्षेत्र का क्षेत्रफल 186.90 वर्ग किलीमीटर है। इस प्लानिंग एरिया के तहत दो शहरी प्रशासनिक इकाई जिसमें मधेपुरा नगरपरिषद एवं सिंहेश्वर नगर पंचायत के अलावा 31 राजस्व ग्राम जिसमें धैलाढ सीडी ब्लॉक 3 राजस्व ग्राम, मधेपुरा सीडी ब्लॉक के 19 राजस्व ग्राम एवं सिंहेश्वर सीडी ब्लॉक के 09 राजस्व ग्राम शामिल है। इसके क्षेत्रफल में उत्तर पश्चिम भाग में धैलाढ सीडी ब्लाक के ग्राम रतनपुर राजस्व ग्राम, भानटेकठी व रतनपुरा, मधेपुरा सीडी ब्लाक के मधेपुरा नगरपरिषद के अलावा सुखासन दक्षिणवाड़ी, तुनयाही उत्तरबाड़ी, लक्ष्मीपुर दक्षिणबाड़ी, लक्ष्मीपुर उत्तरबाड़ी, शकरपुरा, मदनपुर, गोढ़ियारी, मानिकपुर, मिठाई, मानिकपुर, सुखाशन उत्तरबाड़ी, पिठाही, बराही, गोढ़ेला, मधुवन, भेलवा, साहुगढ़, सिंहेश्वर सीडी ब्लाक के नगर पंचायत के अलावा पटोरी, जजहट, रामपुर, सुखासन, रूपौली, रामपट्‌टी, सेरोपट्टी, गहुमनी, मजरहट, पटोरी राजस्व ग्राम तक है।
दूसरी और इस संबंध में तान्या कुमारी, ईओ, जानकारी देते हुए बताती है इस बहुप्रतीक्षित मधेपुरा प्लानिंग एरिया को सरकार की मंजुरी मिल गई है। अब विभाग से मिले दिशा निर्देश पर आगे काम किया जाएगा। 

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