सिंहेश्वर मधेपुरा
अनुमंडल पार्षद बिहार माध्यमिक शिक्षक अमृता कुमारी ने शिक्षा विभाग के द्वारा 2023 के अवकाश के कटौती का सुधार करने की मांग की। जानकारी के अनुसार निदेशक माध्यमिक शिक्षा बिहार सरकार के द्वारा आंशिक संशोधन कर विद्यालय के 14 दिन का सरकारी अवकाश का संशोधन कर दिया है। जिसमें हिंदुओं के मुख्य पर्व कृष्णाष्टमी, दशहरा महिलाओं का तीज, चौरचंद एंव दीपावली मिलकर 14 दिन का अवकाश को रद्द किया गया है। और शिक्षा विभाग का हवाला दिया गया है कि 220 दिन प्राथमिक में एवं 230 में मध्य विद्यालय एवं माध्यमिक विद्यालय के लिए विद्यालय खुला रहेगा। जानकारी होगी वर्ष में 252 दिन विद्यालय खुला रहता है तो फिर 220 एवं 230 का हवाला देना कोई भी उचित प्रतीत नहीं होता है। राज्य के मुखिया नीतीश कुमार कहा करते हैं कि हम महिलाओं के उत्थान के लिए प्रयासरत है। तो किसी महिला की बात करते हैं जो की महिलाएं पूरे राज्य में तीज पर्व मानते हैं। आदिकाल से प्रा. विद्यालय में 60 दिन का एवं माध्यमिक शिक्षा में 63 दिन का अवकाश होता आ रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कही है की तुरंत संज्ञान ले और संशोधित पत्र को निरस्त करें। इस की जानकारी बिहार विधान परिषद के सदस्य संजीव कुमार सिंह से दूरभाष पर बातचीत कर बताया गया। तो उन्होंने कहा मुख्यमंत्री एवं प्रधान सचिव से इस मसले पर 2 बजे बात करेंगे। और साथ ही साथ राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी से मांग किया गया कि तत्काल प्रभाव से निदेशक माध्यमिक शिक्षा के पत्र को निरस्त करें। राज्य के प्रदेश महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह के द्वारा बताया गया कि यह तुगलकी फरमान कभी भी किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अवकाश शिक्षकों का संवैधानिक अधिकार है। और आदिकाल से जो नियम बना हुआ है उनका संशोधन करना कतई उचित नहीं है। कृष्ण कुमार, डा. संतोष कुमार, जिला महासचिव बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ मधेपुरा रणधीर कुमार, जिला अध्यक्ष बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ मूल शैलेश कुमार चौरसिया, वंदना कुमारी, आफताब आलम, सुनील चौरसिया, पुरुषोत्तम कुमार, संजय कुमार पुतुल, हीरा भारती, मिथिलेश कुमार, नवनीत कुमार, संजीव कुमार मौजूद थें।