15 जुलाई तक शिक्षक ई-शिक्षाकोष एप को अपडेट करने का था निर्देश
- अपडेट नहीं करने वाले शिक्षकों का जुलाई माह का वेतन बंद
- गलत सूचना देने पर शिक्षकों पर होगी कड़ी कार्रवाई
सुकेश राणा।
ई-शिक्षाकोष एप को अभी भी जिले के मात्र 5 % शिक्षक ने ही अपडेट किया है। शिक्षकों की इस रवैया को देखते हुए शिक्षा विभाग ने ऐसे सभी शिक्षकों का जुलाई माह का वेतन बंद करने का आदेश दिया है। मालूम हो कि शिक्षा व शिक्षकों की कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए सरकार ने ई-शिक्षाकोष एप तैयार किया है। जिसके माध्यम से शिक्षकों का एप के माध्यम से स्कूल में अपनी उपस्थिति बनानी है। इसके लिए पूर्व से ही सभी को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। बावजूद जिले के 8419 शिक्षकों में करीब 450 शिक्षकों ने एप को अपडेट किया है। जबकि पूर्व में सभी शिक्षकों को 16 जुलाई तक ई-शिक्षाकोष पोर्टल अपने मोबाइल पर अपडेट करने का निर्देश दिया गया था। जिसके माध्यम से स्कूल में अपनी उपस्थिति बनाएंगे। वहीं सख्त हिदायत दी गई है कि कोई भी गलत सूचना देने पर कड़ी कार्रवाई होगी। इस बाबत अपर राज्य परियोजना निदेशक (कार्यक्रम), पटना के निर्देशानुसार ई-शिक्षाकोष पोर्टल (यू-डायस 2021-22 के आधार पर दर्ज आंकड़ा) में विद्यालय एवं शिक्षक मॉड्युल के तहत दर्ज आंकड़ों को तत्काल प्रभाव से अद्यतन करने का निदेश दिया गया था। पत्र में स्पष्ट निर्देश है कि अद्यतन करने का कार्य विद्यालय प्रधान एवं सभी शिक्षक स्वयं अपने स्तर से करेंगे। कोई भी सूचना गलत अंकित नहीं होना चाहिए।
बिहारीगंज व उदाकिशुनगंज, पुरैनी छोड़ सभी प्रखंड की स्थिति खराब
मालूम हो कि पूरे मामले का स्टेट सीधे मोनेटरिंग कर रहा है। इस तरह से देखा जाए तो पुरैनी, बिहारीगंज व उदाकिशुनगंज छोड़ सभी प्रखंड की स्थिति खराब है। धैलाढ में 364 में मात्र 2, शंकरपुर में 446 में मात्र 4, ग्वालपाड़ा में 626 में 8, गम्हरिया में 340 में 4, सिंहेश्वर 607 में 8, कुमारखंड 955 में मात्र 11 ने एप को अपडेट किया है। वहीं मधेपुरा सदर में 1081 में मात्र 19 ने अपडेट किया है। जानकार का कहना है कि शिक्षक जानबुझकर ऐसा कर रहे हैं। वहीं लोगों का कहना है कि यही रफ्तार रही तो इस साल भी एप अपडेट होने की संभावना नहीं हे।
कोट::::::::::
जिले के सभी शिक्षकों को ई- शिक्षाकोष पोर्टल के लिए पूर्व ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जिन शिक्षकों ने एप को अपडेट नहीं किया है, सभी का जुलाई का वेतन रोक दिया जाएगा।
जयशंकर प्रसाद ठाकुर, डीईओ, मधेपुरा
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