सुकेश राणा। मधेपुरा
मौसम बदलते ही कई बच्चे बीमार पड़ने लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि उनकी
इम्यूनिटी कमजोर होती है। लेकिन, कई पेरेंट्स को यह पता नहीं होता है और बीमार पड़ते ही बच्चे को
मेडिसिन दे देते हैं। पेरेंट्स को चाहिए कि वे यह पहचानें कि कहीं उनके बच्चे की
इम्यूनिटी कमजोर तो नहीं है। ऐसा वे कैसे कर सकते हैं? इसके लिए पेरेंट्स को
लक्षणों और संकेतों को पहचानना होगा, जो बच्चों के कमजोर इम्यूनिटी की ओर
इशारा करते हैं। इस लेख में हम आपको विशेषज्ञ की मदद से उन्हीं लक्षणों और संकेतों
को जानने में मदद करेंगे।
बार-बार बीमार पड़ना (Frequent Illness)
थायरोकेयर मधेपुरा के
सेंटर इंचार्य अर्चना कुमारी कहती है कि अगर आपका बच्चा
बार-बार बीमार पड़ रहा है, उसकी तबियत खराब हो रही है, तो समझ जाइए कि उसकी इम्यूनिटी कमजोर
है। आपको बता दें कि बच्चा बार-बार बीमार इसलिए पड़ता है, क्योंकि उसकी
एंटीबॉडी रोग से लड़ने में सक्षम नहीं है। हालांकि, यह भी तथ्य है कि बच्चों को साल में 3-4 बार जुकाम हो जाता
है। लेकिन, अगर बच्चा इससे ज्यादा बीमार पड़ता है, तो यह उसके कमजोर इम्यूनिटी की ओर इशारा
करता है। पेरेंट्स को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।”
कमजोर पाचन तंत्र (Weak Digestive System)
शारदा अस्पताल में बाल रोग विभाग की प्रोफ़ेसर डॉ. गायत्री कोली के
अनुसार, “अगर आपके बच्चे का अक्सर पेट खराब रहता है फिर अक्सर पेट संबंधित
किसी न किसी तरह की बीमारी की शिकायत करता है, तो समझ जाइए कि यह भी उसके कमजोर इम्यूनिटी
का संकेत है। जिन बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, उन्हें गैस की
परेशानी, कब्ज की परेशानी बनी रहती है। दरअसल, पेट में अच्छे और बुरे दोनों तरह के
बैक्टीरिया होते हैं। जो बैक्टीरिया पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं, वे गुड बैक्टीरिया
कहलाते हैं। संक्रमण से लड़ने में ये बैक्टीरिया मददगार साबित होते हैं। वहीं, अगर बच्चा आसानी से
किसी भी तरह संक्रमण की चपेट में आ जाए, तो स्पष्ट हो जाता है कि उसकी
प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है।”
बार-बार संक्रमण होना
आमतौर बच्चा आसानी से संक्रमण की चपेट
में आ जाता है। इस पर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नरजोहन मेश्राम बताते हैं, “अगर बच्चे को बार-बार
संक्रमण हो, तो यह सही नहीं है। एक बच्चे को बार-बार संक्रमण नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे पता
चलता है कि उसकी इम्यूनिटी कमजोर है। कमजोर इम्यूनिटी के कारण बच्चे को कान में
इंफेक्शन, अस्थमा, निमोनिया, साइनसाइटिस जैसी गंभीर बीमारियां
हो सकती हैं। इसके अलावा, पेरेंट्स को यह भी समझना होगा कि अगर बच्चे की एंटीबॉडी मजबूत नहीं
होगी, तो उसे इंफेक्शन से बचाना मुश्किल हो जाएगा। एंटीबॉडी को मजबूत बनाने
के लिए जरूरी है कि वे बच्चे की इम्यूनिटी को बूस्ट करने पर काम करें।”
अक्सर थकान महसूस करना (Feel Tired)
प्रोफ़ेसर डॉ. गायत्री कोली के अनुसार, "अगर बच्चा कुछ देर खेलकर, सीढ़ियां चढ़कर, थोड़ा-सा दौड़ने पर थक
जाता है, तो पेरेंट्स को समझने में देरी नहीं लगानी चाहिए कि बच्चे का इम्यून
कमजोर है। इस तरह के बच्चे अपना ज्यादातर समय बैठे-बैठे गुजार देते हैं। इस तरह के
बच्चे की फिजीकल एक्टिविटी भी काफी कम होती है। पेरेंट्स को चाहिए कि वे अपने
बच्चे को एक्टिव रखें, इसके लिए उन्हें एनर्जेटिक बनाए रखना चाहिए। बच्चों को ऊर्जावान बनाए
रखने के लिए उनकी डाइट में हेल्दी फ्रूट्स और सब्जियां शामिल करें।"
उनकी चोट ठीक होने में समय लगता है (Injuries Take Longer To Heal)
जिन बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, उन्हें अगर चोट लग
जाए, तो उसे ठीक होने में समय लगता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर बच्चे की
चोट ठीक होने में औसत से ज्यादा समय लगता है, तो इसके पीछे उसकी कमजोर इम्यूनिटी
जिम्मेदार होती है। इसके साथ, आपको बता दें कि अगर बच्चे का कोई घांव ठीक होने में लंबा समय ले, तो यह सही नहीं है।
कोई भी घांव संक्रमण में बदल सकता है, जो सही नहीं है। कुल मिलाकर कहने की बात
ये है कि पेरेंट्स को चाहिए कि वे अपने बच्चे की इम्यूनिटी को बूस्ट करने की ओर
ध्यान दें ताकि वे स्वस्थ जीवन जी सकें।
इन बातों का रखें ध्यान
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नरजोहन मेश्राम पेरेंट्स को कुछ अहम सुझाव देते
हैं-
·
बच्चे की हेल्थ अगर बार-बार खराब हो, तो उसे डॉक्टर को
जरूर दिखाएं और मेडिसिंस दें।
·
बच्चों में बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता
विकसित करने के लिए पहले 6 महीने तक माएं स्तनपान कराएं।
·
घातक बीमारियों के प्रति प्रतिरोधकता
विकसित करने के लिए वैक्सीनेशन जरूरी है। इनमे मुख्य रूप से, पोलियो, काली खांसी, खसरा, मेनिन्जाइटिस, एन्सेफलाइटिस शामिल
हैं।
·
अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए
अच्छा स्वस्थ आहार बहुत जरूरी है।
·
प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक बेहतर
इम्यून के लिए मददगार हैं।
·
बच्चे की हाइजीन का ध्यान जरूर रखें।
·
बच्चे को सांस की बीमारी है, तो उन्हें घर से बहार
निकलते वक़्त मास्क पहनाएं।
·
इन्फ्लूएंजा के लिए रेगुलर वैक्सीनेशन
करवाएं।
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जंक फूड से परहेज करें
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