मधेपुरा।
आंत का कैंसर, जिसे मेडिकल भाषा में कोलन या कोलोरेक्टल कैंसर भी कहते हैं, कैंसर का एक गंभीर प्रकार है। यह हमारी आंतों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। इसके कारण आंतों में ब्लॉकेज के साथ ही शरीर के अन्य हिस्सों में कैंसर फैलने का जोखिम बहुत बढ़ जाता है। हालांकि, अगर समय रहते इसके लक्षणों को पहचान लिया जाए, तो भविष्य में इसके जोखिम को कम करने और उपचार में बहुत मदद मिल सकती है। आमतौर पर आंत का कैंसर होने पर पेट संबंधी समस्याएं, दस्त, पेट में दर्द, ऐंठन, बाउल मूवमेंट ठीक से न होना, कब्ज, कमजोरी और थकान महसूस होना, अचानक वजन घटने जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। मधेपुरा स्थित जेएनकेटीएमसीएच के सहायक प्राध्यापक डॉ. राकेश रौशन के अनुसार, कैंसर का यह प्रकार बहुत गंभीर है। यह हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसके कारण व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। आपको यह जानकर बहुत हैरान होगी कि हमारी दैनिक आदतें कई तरह से आंत के कैंसर का जोखिम बढ़ाती हैं। अगर आप एक स्वस्थ जीवनशैली को फॉलो करें, तो भविष्य में कोलन कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं। इस लेख में हम आपके साथ ऐसे 5 टिप्स शेयर कर रहे हैं, जिनकी मदद से आप कोलन कैंसर के विकास को रोक सकते हैं।
कोलन कैंसर से बचने के उपाय-
1. स्क्रीनिंग कराएं
अगर आप नोटिस करते हैं कि आप लंबे समय से पेट संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो एक बार स्क्रीनिंग जरूर कराएं, जिससे कि इसके सही कारणों का पता चल सके। स्क्रीनिंग की मदद से कैंसर का शुरुआती स्टेज में ही पता लगाया जा सकता है।
2. फल और सब्जियों अधिक खाएं
स्वस्थ और संतुलित आहार लेना सेहत के लिए बहुत आवश्यक है। लेकिन जब आंत को स्वस्थ रखने की बात आती है, तो फल और सब्जियों को डाइट में अधिक मात्रा में शामिल करने की सलाह दी जाती है। साथ ही, साबुत अनाज खाएं। क्योंकि इनमें डाइट्री फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। लेकिन कोशिश करें कि रेड मीट (बीफ, पोर्क या भेड़ का बच्चा), जंक और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन कम से कम करें।
3. वजन रखें कंट्रोल
शरीर का अधिक वजन यह दर्शाता है कि आपका पाचन और मेटाबॉलिज्म अपना काम ठीक से नहीं कर रहा है। यह आंतों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। अध्ययन में यह पाया गया है कि मोटापे से ग्रस्त लोगों में कोलन कैंसर का जोखिम अधिक देखा गया है।
4. एक्सरसाइज करना है जरूरी
शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना सिर्फ आंत के कैंसर ही नहीं, बल्कि कैंसर के अन्य प्रकारों के जोखिम को कम करने में भी मदद करता है। इसलिए चाहें आप योग करें या जिम जाकर वजन उठाएं, पैदल चलें, स्विंग करें, दौड़ लगाएं या साइकिलिंग करें, लेकिन दिन भर कम से 30-40 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें।
5. स्मोकिंग और शराब से दूरी बनाएं
जीवनशैली की खराब आदतें कैंसर के विकास के जोखिम से जुड़े हुए हैं। इसलिए अगर आप स्मोकिंग करते हैं, बहुत शराब पीते हैं या तंबाकू लेते हैं, तो इनसे आज से ही दूरी बना लें।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट:::::::
मधेपुरा स्थित थायरोकेयर सेंटर के सेंटर हेड अर्चना कुमारी कहती है कि पेट में असामन्य स्थिति होने पर एलएफटी, पेन्क्रियाज की जांच, हॉल एबोडेमेन अल्ट्रासउंड, सीबीसी जरूरी है। तभी स्थिति साफ हो पाएगी।