पूर्व एचएम डॉ. संतोष कुमार पर 80 लाख का हिसाब नहीं देने का आरोप
- डीईओ ने वित्तिय
अनियमितता मानते हुए डॉ. कुमार पर कानुनी कार्रवाई का दिया निर्देश
- आरोपी पूर्व
एचएम ने मामले को बताया बेबुनियाद व आधारहीन
मधेपुरा।
जिस
स्कूल में सुबे के शिक्षा मंत्री अध्यक्ष हैँ, उस शिवनंदन प्रसाद मंडल इंटर स्तरीय
हाई स्कूल में 80 लाख से ज्यादा
वित्तिय अनियमितता का मामला प्रकाश में आया है। मामला प्रकाश में आने के बाद पूरे एजुकेशन सिस्टम में खलबली मच गई है। इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी
जयशंकर प्रसाद ठाकुर के निर्देश के बाद वर्तमान एचएम शकील अहमद पूर्व एचएम डॉ. संतोष
कुमार के खिलाफ सदर थाना में आवेदन देने जा रहे हैं। मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण
हर कोई इससे बचना चाह रहा है। मालूम हो कि पूर्व एचएम डॉ. संतोष कुमार पर वर्तमान एचएम
शकील अहमद ने सेवानिवृति के बाद से अभी तक वित्तिय चार्ज नहीं देने तथा अपने कार्यकाल
में राशि निकासी का हिसाब नहीं देने का आरोप लगाते हुए डीईओ को पूर्व में आवेदन दिया
है। जिसके बाद डीईओ ने पत्रांक 662/01.06.23 में स्कूल की राशि के अनियमितता
का आरोप डॉ. संतोष कुमार पर लगाते हुए कानुनी कार्रवाई करने का निर्देश एचएम शकील अहमद
को दिया है। वहीं विद्यालय समिति की बैठक में पूर्व एचएम के दिये गये साक्ष्य व कागजात
पर स्कूल के अध्यक्ष सह शिक्षा मंत्री के अलावा कुछ सदस्यों के हस्ताक्षर नहीं करने
से मामला और गरमा गया है। हालांकि लोगों ने कहा कि पूरा मामला जांच का विषय है। एचएम
का आरोप है कि 31मार्च 2023 को पूर्व एचएम डॉ संतोष कुमार सेवानिवृत
हो गये। जिसके बाद से आज तक डॉ. कुमार ने वित्तय प्रभार नहीं दिया है। जिसके कारण स्कूल
का विकास कार्य ठप है। जानकारी के अनुसार डॉ. कुमार 29.01.21 से 18.03.23 तक में 86 लाख 74 हजार 561 रूपया की निकासी विद्यालय कोष से
किया। जिसके व्यगत राशि में संबंधित प्रभार नहीं देकर बिना अनुमति के स्कूल के विकास
कोष में श्री कुमार द्वारा 24.04.23 को चार लाख एवं 25.04.23 को 91 हजार 313 रूपया मात्र जमा किया। शेष का हिसाब
नहीं दिया गया। एचएम का कहना है कि इससे प्रतिक होता है कि डॉ. कुमार ने स्कूल से धोखाधड़ी
की गई एंव राशि का गबन किया गया। इस तरह से देखा जाए तो अभी तक मात्र 81 लाख के आसपास का हिसाब डॉ. कुमार
ने नहीं दिया है।
पहे
भी एचएम पर लग चुके हैं
भ्रष्टाचार को आरोप
जानकार
बताते हैं कि डॉ. संतोष
कुमार पर पूर्व में भी कई तहर के भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। यही कारण है कि पूर्व
के डीएम ने इस बार इंटर व मैट्रिक परीक्षा में डा. कुमार को एचएम रहने के बावजूद केंद्राधीक्षक
नहीं बनाया। डीएम ने डॉ. कुमार को इंटर परीक्षा संचालन समिति की बैठक में में निर्णय
लिया कि इस बार एसएनपीएम प्लस टू के एचएम डॉ. संतोष कुमार के विरूद्ध परीक्षाओं में
बरती गई अनियमितता के आरोप में केंद्राधीक्षक के रूप में चयन नहीं करने का प्रस्ताव
है। डॉ. संतोष पूर्व में रासबिहारी हाई स्कूल में परीक्षा के दौरान वीक्षक रहते एक
फर्जी छात्र को बैठाने के दौरान तत्कालीन एसडीएम गोपाल मीणा द्वारा रंगे हाथ पकड़े गये
थे। जिसमें उन्हें जेल तक जानी पड़ी थी। इधर जानकारी मिली है कि विभाग द्वारा डॉ. संतोष
पर विभाग की जांच चल रही है। हालांकि पूर्व
एचएम संतोष कुमार का कहना है कि वर्तमान एचएम को वित्तीय प्रभार की समझ होनी
चाहीए। उन्होंने कहा कि हमने नियम विरूद्ध कोई कार्य नहीं किया
है। रही बात मेरे कार्यकाल में राशि निकासी का तो मैंने लगभग हिसाब दे दिया है। उन्होंने
कहा कि मैंने प्रभार भी दे दिया है। सभी तरह के कार्य का एमवी भी दे दिया है। इसके
अलावा सभी पंजी भी प्रधान लिपिक को सुदूर्प कर दिया है। वहीं
डीईओ जयशंकर प्रसाद ठाकुर ने कहा कि मामला गंभीर है। मैंने एचएम को कानुनी
कार्रवाई के लिए पत्र निर्गत कर दिया है। आवेदन के आधार पर वित्तिय अनियमिता की बात
सामने आयी है।