सिविल सर्जन ने जिले के सभी आशा कार्यकर्ताओं को, अविलंब हड़ताल छोड़ ड्यूटी पर आने का दिया निर्देश, नहीं तो चयनमुक्त किया जाएगा

SONU KUMAR
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संवाद सूत्र

मधेपुरा:- सिविल सर्जन ने कहा कि मधेपुरा जिले में आशा कार्यकर्ता के हड़ताल एवं उनके द्वारा कार्य में बाधा करने की विभिन्न प्रकार की सूचना प्राप्त हो रही है, जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है। सोशल मीडिया एवं अन्य औपचारिक माध्यमों से यह भी बातें संज्ञान में आ रही हैं कि आशा कार्यकर्ता द्वारा कार्य में व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा है। सिविल सर्जन, मधेपुरा डॉ. मिथिलेश ठाकुर ने बताया कि इस प्रकार का कृत अपराध के श्रेणी में आता है। माननीय उच्च न्यायालय पटना के शिवानी कोशिक बनाम भारत संघ के आदेश के आलोक में आशा कार्यकर्ता द्वारा इस प्रकार के कृत माननीय न्यायालय के अवमानना के श्रेणी में आता है वैसी स्थिति में स्वास्थ्य सचिव बिहार, पटना द्वारा आदेशित किया गया है कि आशा निर्देशिका के अस्वीन पोर्टल के प्रावधान एवं स्वास्थ्य विभाग के संकल्प के आधार पर जिन आशा कार्यकर्ताओं का कार्य परिलक्षित नहीं होता है उनके खिलाफ चयनमुक्त करने की कार्रवाई आरंभ की जा रही है। जिन आशा कार्यकर्ताओं एवं आशा फेसिलिटेटर के द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों अथवा मरीजों अथवा उनके सहयोगी को तंग किया जा रहा हो तो उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई की जाय। उक्त आदेश के आलोक में ऐसे आशा कार्यकर्ताओं को चिन्हित कर लिया गया है तथा उनके विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है।

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