आई फ्लू ने जिले में मचाया तांडव, प्रतिदिन 300 मरीज आ रहे इस चपेट में

SONU KUMAR
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आई फ्लू ने जिले में मचाया तांडव, प्रतिदिन 300 मरीज आ रहे इस चपेट में

- मरीज को ठीक होने में लग रहा है एक सप्ताह
- समस्या बढने पर सीधे नेत्र चिकित्सक से कराए इलाज
 मधेपुरा : आई फ्लू यानी आई कंजंक्टिवाइटिस के मरीजों की संख्या जिले में लगातार बढ़ता जा रहा है। बड़ी बात यह है कि आई फ्लू का सिम्टम भी कोरोना वायरस की तहर मिलता जुलता है। आंखों से पानी बहना, आंखों में सूजन आना और लाइट को देखने में परेशानी होना जैसे महत्वपूर्ण लक्षण आई फ्लू अर्थात आई कंजेक्टिवाइटिस के है।
 डॉक्टरों ने बताया कि बारिश के दिनों में अक्सर आई फ्लू के मामले बढ़ जाते हैं लेकिन इस बार संख्या में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। खासकर वर्तमान में चौसा, आलमनगर, पुरैनी, ग्वालपाड़ा के बाद अब मधेपुरा में भी कुछ मामले आने लगे हैं। सदर अस्पताल में नेत्र सहायक डॉ. संजय ने बताया कि आंखों में आने वाली समस्या आई फ्लू वायरल और बैक्टीरियल दोनों ही प्रकार से हो सकता हैं। उन्होंने बताया कि जब आई फ्लू होता है, उस समय आंखों से देखने में काफी दिक्कत आती है। इसे फैलने से रोकना भी बेहद जरूरी है। इसके लिए लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि अभी मधेपुरा का टेम्प्रेचर लगातार आई है। ऐसे समय में वायरस बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हैं जिसकी वजह से आई फ्लू जैसी बीमारी सामने आती है। डॉ. संजय कहते हैं कि आई फ्लू से बचने के लिए लोगों को काफी सावधान रहने की जरूरत है। इसका बचाव भी कोरोना की तरह है। उन्होंने बताया कि बारिश के बाद उमस की वजह से इस बीमारी का असर बढ़ रहा है। संक्रमित व्यक्ति से यदि स्वस्थ व्यक्ति नजरें मिला ले तो पलभर में स्वस्थ व्यक्ति भी आई फ्लू के रोग से पीड़ित हो जाएगा। लोगों को चाहीए कि बार-बार हाथ धोए, आंखों पर हाथ नहीं लगाए, आंखों का मेकअप बॉक्स किसी को नहीं दें, दूसरों के चश्मे का उपयोग नहीं करने, तकिए का कवर धोने, साफ-सफाई रखने जैसी सावधानी के जरिए आई फ्लू से बचा जा सकता है। इसके अलावा जरूरी है कि जब बाहर निकले तो काला चश्मा जरूर पहन लें।
क्या करें आई फ्लू होने पर
डॉ. कुमार के मुताबिक यदि आई फ्लू हो जाता है तो तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए। किसी मेडिकल स्टोर से दवा लेने से बचना चाहीए। नहीं तो गंभीर परिणाम भी सामने आ सकते हैं।  इसके बाद आंखों को साफ कपड़े से ही ढकना चाहिए। कोशिश करें संक्रमित व्यक्ति से बात करते समय उसकी आंखों से आंखें ना मिलाई जाए। इस रोग से बचने का यही एक अच्छा उपाय है.आंखों को बार-बार ठंडे पानी से धोने से भी राहत मिलती है। इसके अलावा यदि गुलाब जल से आंखों को धोया जाए तो भी आई फ्लू में राहत पहुंचती है। सही बात है कि आई फ्लू तेजी से फैल रहा है। यह बीमारी एक व्यक्ति के पास से दूसरे के पास जाने में जरा भी देर नहीं लग रही है। केवल सदर अस्पताल में प्रतिदिन 15-20 मरीज आ रहे हैं। 
क्या कहते हैं पदाधिकारी
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. केके दास बताते हैं कि जिले के कुछ प्रखंड में आई फ्लू के मरीजों की संख्या में तेजी आई है। बेहतर होगा कि हमलोग कारोना की तरह बचाव करें। यह बीमारी अपने आप एक सप्ताह में ठीक हो जाता है।

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