एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भादव के पुर्णिमा और अंतिम रविवार किया जलाभिषेक। शिवगंगा आरती में दिखा श्रद्धा का अनोखा संगम।

 

108 फीट लंबा कांवर लेकर आ रहे श्रद्धालुओं का दृश्य 


कोशी तक/सिंहेश्वर मधेपुरा:- भादव की अंतिम रविवार और पुर्णिमा को लेकर 1 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा सिंहेश्वर नाथ का जलाभिषेक किया। इस दौरान बाबा सिंहेश्वर नाथ के परिसर में  शनिवार से ही श्रद्धालुओं का हुजूम पहुंचने लगा। रविवार के सुबह से शाम तक श्रद्धालुओ भीड़ लगी रही। रविवार को भीड़ का अनुमान को देखते हुए लगभग 4 बजे सरकारी पुजा के बाद मंदिर का पट खोल दिया। सुबह 7 बजे तक समान्य भीड़ के बाद अचानक ही श्रद्धालुओं का भीड़ के कारण कतार बढ़ने लगी। हालांकि 7 बजे से लेकर 4 बजे तक भीड़ एक रंग मंदिर में बढती ही रही। हालांकि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर परिसर में पुलिस बल नही  दिखाई दे रही थी। हालांकि जो भी पुलिस दिखे वह मंदिर में नियंत्रण कक्ष में  ठंढी हवा का सेवन कर रहे थे।

108 फीट लंबा कांवर लेकर आए श्रद्धालु 

भादव के अंतिम रविवार को बाबा सिंहेश्वर के जलाभिषेक के लिए तरह तरह के वाद्ययंत्र बजाते नाचते गाते श्रद्धालु सिंहेश्वर पहुंचे। वही श्रद्धालुओं का एक बड़ा हुजुम 108 लंबी कांवर लेकर पहुंचे। 

बाबा की कृपा से नही हुई अनहोनी 

जिस तरह की भीड़ मंदिर में उमड़ी और सुरक्षा व्यवस्था में कही कोई पुलिस कर्मी और पदाधिकारी नजर नही आए और  पाकेटमारी के अलावा बाबा की कृपा से कोई बड़ी घटना नही हुई। हालांकि शिवगंगा पर स्नान करने वालो की भीड़ भी देखते ही बनती थी। भीषण गर्मी के कारण लोगों का प्यास से बुरा हाल था। मंदिर स्थित एक आरओ में पुरी तरह फेल था। वही दो आरओ से निकल रही बुंद बुंद पानी श्रद्धालुओं का प्यास बुझाने में असमर्थ रही। 

कई श्रद्धालु हुए छिनतई के शिकार।

भादव के अंतिम रविवार को श्रद्धालुओं की भीड़ का सबसे ज्यादा लाभ पाकेटमार को हुआ। इस दौरान कई श्रद्धालुओं का मोबाइल, पर्स, और चेन पर पाकेट मारों ने हमला किया। और मंदिर परिसर में परेशानी के साथ घुमते रहे। उसकी सुधी लेने वाला भी कोई नही था। आउटसोर्सिंग कर्मी भी निर्धारित जगह पर नजर नही आ रहे थे। सीसीटीवी फुटेज से इसकी जांच की जा सकती है।बारिश के फुहारों के बीच शिवगंगा आरती का मनोरम दृश्य बारिश के फुहारों के बीच शिवगंगा पर आरती का अवलोकन 

ग्रहण को लेकर संध्या आरती 6 बजे हुआ।

श्रृंगीऋषि सेवा फाउंडेशन और तापस पंडा समाज की ओर से शिवगंगा पर होने वाले आरती का समय ग्रहण के कारण 6 बजे कर दिया। संध्या आरती में भी बाहर से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ इस अलौकिक दृश्य का अवलोकन करने पहुंची। लेकिन तेज हवा बारिश की रिमझिम फुहारों के कारण भीड़ छितर वितर हो गई। लेकिन संध्या आरती निर्विघ्न चलता रहा। 

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