त्रिदिवसीय ध्यानाभ्यास शिविर लगाया गया

 सत्संग मंदिर मधेपुरा में ध्यान साधना में भाग लेते श्रद्धालु 



कोशी तक/मधेपुरा:- विजयादशमी के अवसर पर महर्षि मेंही नगर वार्ड नंबर 5 में स्थित संतमत सत्संग मंदिर मधेपुरा में त्रिदिवसीय ध्यानाभ्यास शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें प्रतिदिन पांच सत्र - सुबह तीन बजे से चार बजे, सुबह छह बजे से सात बजे, सुबह दस बजे से ग्यारह बजे, संध्या दो बजे से तीन बजे, और संध्या छह बजे से सात बजे तक साधकों ने ध्यान शिविर में भाग लिया।  इस शिविर में मंच संचालक करते हुए सेवा निवृत शिक्षक शिव नारायण साह  ने कहा मानव कल्याण के लिए मन की एकाग्रता आवश्यक है। और यह ध्यान, योग एवं सत्संग से ही संभव है।  अखिल भारतीय संतमत के पूर्व महामंत्री प्रो. विन्देश्वरी प्रसाद यादव ने कहा अनियंत्रित मन ही हमारा सबसे बड़ा शत्रु है और यही हमारे सर्वनाश का कारण है, फिर भी प्रसन्नतापूर्वक मन का नियंत्रण और शासन स्वीकार करते रहते हैं।  संत और साधारण व्यक्ति में यही अंतर है की संत मन पर पूरा नियंत्रण रखकर शासन  करते हैं पर सामान्य जन पर मन का नियंत्रण होता है। इसका साक्षी है कामवासना, भोगवासना , क्रोध, मोह, लोभ, ईर्ष्या, द्वेष, अहंकार, जो हमारा आंतरिक सुख समृद्धि का अपहरण कर हमें बैचैन और अशांत बना देता है। इसीलिए मन रूपी दुश्मन पर पूर्ण नियंत्रण करना परम आवश्यक है। और यह ध्यान की पूर्णता से ही संभव है, जो सद्गुरु की कृपा बिना संभव नहीं है।  

 शिविर आयोजन रामचंद्र प्रसाद यादव, अधिवक्ता-गणेश गुप्ता, संजय कुमार, अधिवक्ता सोहन लाल गुप्ता, देवांशु, कला विभा, पुष्पा कुमारी, विमला निरंजना, आशा कुमारी, अंशु रानी, मधु देवी, प्रेमलता कुमारी, नीलम देवी, इं. श्याम देव ने नियमित रूप से शिविर में भाग लिया। और डा. वैद्य नाथ लाल दास का प्रवचन सुना। अंत में खीर का भंडारा के बाद शिविर का समापन किया गया।

Post a Comment

और नया पुराने