बिना हाई मास्क लैंप लगाए 21 हजार का आया बिजली बिल। सांसद मद से लगना था हाई मास्क लैंप। मुखिया बताया नही है पंचायत में हाईमास्ट लेंप।

 

दुर्गा मंदिर सिरसिया में लगा सोलर स्ट्रीट लाइट 



कोशी तक/सिंहेश्वर मधेपुरा:- सिंहेश्वर विधानसभा में एक अजीब और सच्ची घटना सामने आई है। जिसमें कमरगमा पंचायत के बड़हरी सिरसिया में हाई मास्क लैंप के बिजली का बिल 21 हजार आया है। जिसको अदा करने के लिए कमरगामा के पंचायत सचिव को भेजा गया है।  इसकी जानकारी मिलते ही मुखिया जी अचंभित रह गए कि पंचायत में हाई मास्क लैंप कहा लगा है। जिसका भारी भरकम बिल भी आ गया है। जो एक बहुत ही बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रहा है। 

बिजली विभाग से हाईमास्ट के 21 हजार का बिल।


सिंहेश्वर प्रखंड के कमरगामा पंचायत में बिधुत विभाग के द्वारा हाईमास्ट लैंप के उपयोग का बिजली बिल उपभोक्ता संख्या 107311472870 पर माह जुलाई तक का बिल 21 हजार 11 रूपया जमा करने का निर्देश है। जबकि कमरगामा पंचायत में हाइमास्ट लैंप लगा ही नही है।  वही बील की खास बात यह है कि फिक्स उर्जा बकाया 10 हजार 199 अंकित है। वही जनवरी से ही बिजली की खपत भी दिखाई गई है। फ़रवरी में 52 हजार 935 युनिट तो मार्च में 552 युनिट अप्रैल की युनिट दर्शाया नही गया है। वही मई और जून में 1104-1104 युनिट बिजली का बिल दर्ज किया गया है। सबसे कयामत की बात तो उसमें अंतिम भुगतान 27 मार्च 2025 को 3 लाख 40 हजार 201 हो भी गया है। जो किसने किया विभाग को भी पता नही है। अब सवाल उठता है कि यह बिजली विभाग की गलती है। या सांसद फंड से कागज पर हाईमास्ट लाइटें लग गई है। जबाब तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

वही इस बाबत बिजली विभाग के जेई कुनाल कुमार ने बताया कि सिरसिया दुर्गा मंदिर के पास हाई मास्क लैंप लगा हुआ है। वह सोलर से चल रहा है या बिजली से कल जांच के बाद बताया जाएगा कि बिल कैसे आया।

अब इसमें खेला क्या है 

मुखिया को भी इसकी जानकारी नही मिल रही है। मुखिया जय कृष्ण शर्मा ने बताया की हाई मास्ट लाईट का बिल देख कर आश्चर्य हुआ की कैसे बिना हाई मास्क लैंप लगाए ही बिजली बिल आ रहा है। पंचायत में 2020 में ही सांसद मद से सोलर स्ट्रीट लाईट लगाया गया था। जो सोलर और बैट्री से चलता है। बैटरी चोरी होने से लगभग सभी लाइटें खराब है। एक आध भुक भुक कर रहा है। वही सवाल उठता है कि बिजली विभाग की गलती होता तो बिजली विभाग को 3 लाख 40 हजार रूपया जमा कौन किया है। बील का नंबर तो है। देने वाले का नाम नही है। यह एक बड़े घोटाले को इंगित करता है। जो जांच के बाद ही सामने आएगा। 

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