कोशी तक / मधेपुरा:- महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज की 141वीं जयंती के अवसर पर जिले भर में शोभा यात्रा निकाली गई और विभिन्न मंदिरों में संतों के प्रवचन, कीर्तन, भजन और भंडारा का आयोजन किया गया।
जयंती समारोह के मुख्य बिंदु:
- शोभा यात्रा: जिला मुख्यालय मधेपुरा में प्रोफेसर बिंदेश्वरी बाबू के निवास स्थान से प्रभात फेरी निकाली गई, जो शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए संतमत सत्संग मंदिर पहुची और मंदिर में आयोजित सत्संग में शामिल हुई।
- सिंहेश्वर के राधाकृष्ण महर्षि मेंही धाम में श्रद्धालुओं की भव्य और लंबी कतारें निकली और फिर राधाकृष्ण महर्षि मेंही धाम में पहुंची।
- सिंहेश्वर के मल्लिक टोला संतमत सत्संग मंदिर से भी महर्षि मेंही दास का प्रभात फेरी निकाली गई। जो बाजार भ्रमण कर सत्संग मंदिर पहुंचे।
- प्रवचन और कीर्तन: शहर के विभिन्न मंदिरों में संतों के प्रवचन, कीर्तन, भजन और भंडारा का आयोजन किया गया।
- महर्षि मेंही संतमत सत्संग मंदिर: मंच संचालक शिवनारायण साह ने महर्षि मेंही के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला और कहा कि मानव कल्याण के लिए आध्यात्मिक उन्नति आवश्यक है।
महर्षि मेंही गुरु धामा के संत विमला नंद बाबा ने महर्षि मेंही दास के आध्यात्मिक जीवन के बारे में विस्तार से बताया।मधेपुरा में महर्षि मेंही दास जयंती पर निकाली शोभायात्रा
विचार और संदेश:
- प्रोफेसर बिंदेश्वरी प्रसाद यादव ने कहा कि महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज अपनी कठोर तपस्या के बल पर नर रूप में हरि बने और विश्व ब्रह्मांड में संत सदगुरु से बढ़कर कोई रक्षक नहीं हो सकता।
कार्यक्रम में उपस्थित:
- इंजीनियर सदानंद यादव, ओमप्रकाश यादव, प्रोफेसर वीर किशोर, स्वामी प्रेमदास, डा. वैद्यनाथ लाल दास, सेवानिवृत शिक्षक रामचंद्र प्रसाद यादव, प्रोफेसर गजेंद्र कुमार, श्यामदेव गुप्ता, अधिवक्ता सोहनलाल गुप्ता, भरत साह, राजकुमार गुप्ता, प्रवीण कुमार, मुकेश कुमार, खुशवंत, विद्यानंद, सेवानिवृत शिक्षिका कला देवी, विभा कुमारी, अन्नपूर्णा देवी, विमला देवी, वीणा देवी, आशा देवी, कृष्णा देवी, प्रेमलता, अंशु कुमारी इत्यादि उपस्थित थे।