पंचायतीराज राज के कई महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी

Dr.I C Bhagat
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 पंचायतीराज की समस्याओं को लेकर बीडीओ को ज्ञापन सौंपते मुखिया और मुखिया संघ अध्यक्ष 



कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा:- बिहार में पंचायती राज संस्थाओं और मनरेगा की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए मुखिया महासंघ ने एक ज्ञापन जारी किया है। इसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया गया है, जिनमें से कुछ प्रमुख मुद्दे हैं:

पंचायती राज संस्थाओं की शक्तियों का हनन

- 73 वें संविधान संशोधन के तहत मिली शक्तियों का हनन हो रहा है।

- प्रशासनिक हस्तक्षेप बढ़ रहा है, जिससे पंचायतों की स्वायत्तता प्रभावित हो रही है।

वित्तीय संकट

- पंचायतों को वित्तीय सहायता कम मिल रही है, जिससे वे अपने कार्यों को ठीक से नहीं कर पा रही हैं।

- 15 वें वित्त आयोग और 6 वें वित्त आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं किया जा रहा है।

मनरेगा की समस्याएं

- मनरेगा की समीक्षा की जरूरत है ताकि मजदूरों की मजदूरी समय पर दी जा सके।

- प्रशासनिक हस्तक्षेप कम करने की जरूरत है ताकि पंचायतें अपने कार्यों को ठीक से कर सकें।

अन्य मांगें

- वार्ड सदस्यों को नल जल योजना के प्रबंधन में शामिल करने की मांग की गई है।

- पंचायतों को राजस्व संग्रहण के लिए नियमावली बनाने की मांग की गई है।

- पंचायत प्रतिनिधियों की सुरक्षा और आर्म्स लाइसेंस के संबंध में ठोस निर्णय लेने की मांग की गई है।

मुखिया महासंघ ने 24 अप्रैल 2025 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में इन मांगों को उठाने का फैसला किया है। उन्होंने सरकार से इन मांगों को मानने का अनुरोध किया है ताकि पंचायती राज संस्थाएं मजबूत हो सकें और ग्रामीण विकास में योगदान कर सकें।

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