महाशिवपुराण कथा सुनने उमड़ी श्रद्धालुओं का जन सैलाब
कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा:- सिंहेश्वर धाम में चल रहे सात दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा के छठे दिन शनिवार को विश्व विख्यात कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने श्रद्धालुओं को संबोधित किया। कथा की शुरुआत बाबा सिंहेश्वर नाथ की जय और हर हर महादेव के उद्घाटन जयघोष के साथ हुई। पंडित मिश्रा ने कहा देवाधिदेव महादेव की कृपा से हम सब बैशाख महीने की शिवरात्रि के अवसर पर श्री शिव महापुराण कथा का श्रवण कर रहे हैं। उन्होंने कहा शिव महापुराण कथा जीवन को सार्थकता देती है। श्रद्धालु भगवान शिव की कथा कितने विश्वास और श्रद्धा से सुनते हैं। यह आप पर निर्भर करता है रावण जैसा शक्तिशाली राजा भी देवाधिदेव महादेव से भय खाता था। रावण जानता था कि भगवान शंकर जिसे देते हैं। छप्पड़ फाड़ कर देते हैं। भगवान शंकर का श्रृंगार केवल एक लोटा जल है। पवित्र मन से जल चढ़ाने पर भगवान शंकर उसे स्वीकार कर लेते हैं। भगवान शिव के विवाह प्रसंग का वर्णन करते हुए पंडित मिश्रा ने कहा दुनिया की पहली बारात श्मशान से चली थी। बाबा भोलेनाथ की बारात हिमालय राज के दरवाजे पहुंची थी। एक, दो, तीन नहीं, कई मुहूर्त निकल गए लेकिन बारात नहीं पहुंची। शिव महापुराण कहता है कि शुभ कार्य के लिए जाते समय सामने से अर्थी निकले तो कार्य सफल होता है। श्री मिश्रा ने कहा कोई कहता है कि गर्भवती स्त्री को शिवालय नहीं जाना चाहिए. लेकिन यह कहीं नहीं लिखा है। सारे वेद, पुराण और शास्त्र कहते हैं कि दुखी हो, कष्ट में हो या पाप किया हो, एक लोटा जल चढ़ाओ। भगवान भोलेनाथ से मांगने वाला भिखारी नहीं कहलाता। हम सब भोलेनाथ की संतान हैं। उन्होंने कहा थोड़ी मेहनत हाथ की होनी चाहिए। बाकी कृपा भोलेनाथ की होती है. पढ़ाई और मेहनत चार गुणा बढ़ानी चाहिए। हर काम करना चाहिए, साथ ही भगवान शंकर को स्मरण करना चाहिए। संघर्ष जरूरी है। बाबा भोलेनाथ हर इम्तिहान में सफलता दिलाते हैं।प्रदीप मिश्रा का कथा सुनने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
पंडित मिश्रा ने कहा, अगर बनना है तो जवाब देना छोड़ना होगा। एक-दूसरे को दोष देने की आदत छोड़नी होगी। मौन धारण करना होगा। दुख आएगा, बीमारी आएगी, परेशानी आएगी, लेकिन मन को स्थिर रखना होगा। संसार में दुख आते हैं, पर उनका भान नहीं करना चाहिए मंडप में दुनिया का पहला विवाह भगवान शिव और माता सती का हुआ था। रामजी, कृष्ण जी और नारायण जी का भी वर्णन करते हुए उन्होंने कहा, पृथ्वीलोक के एकमात्र देवता देवाधिदेव महादेव हैं।कथावाचक श्री मिश्रा ने कहा सिंहेश्वर धाम वह पवित्र और एकमात्र भूमि है जहां ब्रह्मा, विष्णु और महेश एक ही शिवलिंग में विराजमान हैं। घर परिवार का महत्व समझाते हुए कहा मां- बाप को छोड़कर किसी भी तीर्थ में जाने से भगवान प्रसन्न नहीं होते। भगवान शंकर भी अपने परिवार के साथ रहते हैं। धन एकत्र करने के लिए घर के लोगों को छोड़ना उचित नहीं।रिद्धि सिद्धि साथ भगवान श्रीगणेश का रूप धरे श्रद्धालु
सिंहेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। श्री सिंहेश्वर नाथ मंदिर में भी सात दिवसीय शिव महापुराण कथा के दौरान श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए पहुंच रहे हैं। आयोजन समिति के सदस्य सेवा में लगे हैं। पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा सुनने के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचे हैं।श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे सिंहेश्वर वासी
स्थानीय लोगों ने जमकर की श्रद्धालुओं की सेवा
सिंहेश्वर के मवेशी हाट में मास शिवरात्रि के दिन श्रद्धालुओं का ऐसा सैलाब उमड़ा की सिंहेश्वर के लोग भी रास्ता से भटकने लगे। चारो तरफ श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आ रहे थे। तपती धूप को देखते हुए सिंहेश्वर के लगभग हर दुकानदार अपने पुरे परिवार के साथ श्रद्धालुओं को फल, चाय, शर्बत और पानी की सेवा देते दिखे। कुमार जेनरल स्टोर, भगत भंडार, यस बास, अशोक मेडिकल, मनोज जुता दुकान, अमर ज्योति रेडिमेड, सत्तु गली में जगह जगह, ललीत धर्मशाला के सामने और पेट्रोल पंप के पास सब्जी दुकानदार, बिष्णु खंडेलवाल सहित सैकड़ों जगह लोग श्रद्धालु की सेवा में खड़े थे।मौके पर नगर पंचायत अध्यक्षा पुनम देवी, उप प्रमुख मुकेश यादव, व्यापार मंडल अध्यक्ष शिवचंद्र चौधरी, ओम प्रकाश चौधरी, बिष्णु खंडेलवाल, बजरंग टेकरीवाल, जनार्दन भगत, इंद्र देव स्वर्णकार, अमीत अग्रवाल, अमीत खेतान, गणेश गुप्ता, जय प्रकाश चौधरी, जवाहर सिंह, सुरेन्द्र कुमार, कुंदन भगत, सोनू गुप्ता, शर्मीला देवी, सुमन देवी, सुनिता देवी, रूपम देवी, सहित सैकड़ों महिला कार्यकर्ता शामिल थे।