कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा :- बाबा नगरी सिंहेश्वर में सोमवार से शुरू 7 दिवसीय शिवमहापुराण कथा की शुरुआत हुई। कथा का शुभारंभ मधेपुरा सांसद दिनेश चंद्र यादव और स्थानीय विधायक चंद्रहास चौपाल, जदयू वरिष्ठ नेता घनश्याम चौधरी की उपस्थिति में हुआ। पहले दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा वाचन में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। श्रोताओं को संबोधित करते हुए श्री मिश्रा ने कहा कि प्रेम जोड़ता है और भ्रम तोड़ता है। संबंध बनाते समय व्यक्ति का दिल देखना चाहिए न कि उसका घर। उन्होंने भगवान शंकर को औघड़ दानी बताया और कहा भगवान शिव पर एक लोटा जल चढ़ाने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। जल चढ़ाते समय मन में कोई छल नहीं होना चाहिए। पंडित मिश्रा ने कहा बाबा नगरी सिंहेश्वर में भोलेनाथ की सरकार चल रही है। भीषण गर्मी और गुमस के बावजूद श्रद्धालुओं की भारी भीड़ कथा सुनने पहुंची। श्रद्धालुओं की आस्था देख पंडित मिश्रा भी प्रसन्न दिखें। उन्होंने कहा जो लोग दान करते हैं, उन्हें तीन महीने के भीतर दान से कई गुना लाभ जरूर मिलेगा।अनवरत कथा सुनने सिंहेश्वर आ रहे श्रद्धालुओं की भीड़
रविवार रात से ही लाखों श्रद्धालुओं की पहुंची सिंहेश्वर:
रविवार रात से ही लाखों श्रद्धालु सिंहेश्वर पहुंचने लगे थे। यह सिलसिला सोमवार रात तक अनवरत चलता रहा।जैसे प्रयागराज और अयोध्या में अनवरत लोग चलते थे। पहले दिन लाखों की संख्या में भक्तों ने कथा का श्रवण किया। पंडित मिश्रा ने कहा जो शिव की आराधना करता है, वह कभी दुखी नहीं रहता। भोलेनाथ की भक्ति में शक्ति है, भगवान कभी भी किसी की किस्मत बदल सकते हैं। भक्तों को उन पर विश्वास रखना चाहिए और रोज पूजा करनी चाहिए।कथा सुनने उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
जिसने सत्य को जाना, उसका जीवन हो जाता है सफल।
उन्होंने कहा क्या हम ईश्वर द्वारा दी गई सांसों का कर्ज चुका सकते हैं ? क्या हमने कभी उनका धन्यवाद किया ? अगर नहीं किया, तो आज से ही ईश्वर का गुणगान शुरू करना चाहिए। सांसों को भक्ति में लगाना चाहिए। सत्य का अनुसरण करना चाहिए। जिसने सत्य को जान लिया, उसका जीवन सफल हो जाता है।महाशिवपुराण कथा सम्राट प्रदीप मिश्रा कथा वाचन करते
परमात्मा ही सृष्टि के रचयिता हैं वे हैं परम पिता-
पंडित मिश्रा ने कहा, परमात्मा ही सृष्टि के रचयिता हैं। वे ही परम पिता हैं। उन्होंने वेद ज्ञान के अनुसार लोगों को चलने की आज्ञा दी है। सत्य और असत्य दोनों संसार में मौजूद हैं। जो सत्य का सहारा लेता है, उसका कल्याण होता है, असत्य का सहारा लेने वाला पतन की ओर जाता है। मनुष्य को कर्म प्रधान जीवन जीना चाहिए। अच्छे कर्म करने वालों को परमात्मा अच्छा फल देते हैं।मंच पर शिव पार्वती बने मुस्कान और अपराजिता

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