अतिथि सहायक प्राध्यापक की सेवा 65 वर्ष करने की अनुसंसा पर प्रशंसा व्यक्त की
कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा:- बिहार राज्य अतिथि सहायक प्राध्यापक संघ ने विधान परिषद की शिक्षा समिति द्वारा अतिथि प्राध्यापकों के नियमितीकरण और सेवा को 65 वर्ष करने की अनुशंसा के प्रति आभार व्यक्त किया है। संघ ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर जल्द से जल्द इस अनुशंसा को लागू करने की मांग की है।
मांग के मुख्य बिंदु:
- अतिथि प्राध्यापकों की सेवा को नियमित किया जाए।
- सेवा की अवधि 65 वर्ष की जाए।
- यूजीसी के द्वारा निर्धारित अहर्ता और पात्रता संबंधित परिनियम का पालन किया जाए।
संघ के नेताओं की प्रतिक्रिया:
- संघ के नेताओं ने कहा कि बिहार भर के विश्वविद्यालयों में लगभग 2500 अतिथि प्राध्यापक हैं।
- इन प्राध्यापकों के निष्ठापूर्वक अध्यापन और अन्य सह शैक्षणिक कार्य में सहयोग के कारण ही शिक्षा के स्तर में काफी सुधार हुआ है।
- नियमितीकरण से विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर किया जा सकेगा।
आभार और साधुवाद:
- संघ ने शिक्षा समिति के अध्यक्ष और सदस्यों को आभार और साधुवाद दिया है, जिन्होंने इस अनुशंसा को आगे बढ़ाया है।
- संघ ने प्रदेश नेतृत्व और उनकी टीम को भी बधाई और शुभकामनाएं दी हैं, जिन्होंने इस मांग को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अतिथि सहायक प्राध्यापकों के हस्ताक्षर का आवेदन मुख्यमंत्री नितीश कुमार, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ इत्यादि को प्रेषित करने वाले संयोजक डा. राजीव जोशी, संघ के नेता डा. ब्रजेश सिंह, डा. राजेश सिंह, डा. अक्षय कुमार चौधरी, डा. सुमंत राव, डा. अजय कुमार, डा. भूषण कुमार, डा. मनोज कुमार, डा. श्वेता शरण, डा. राखी भारती, डा. ब्रह्मदेव यादव, डा. शत्रुंजय कुमार झा, डा. एमएस. रहमान उर्फ बाबुल शामिल थे।
إرسال تعليق