कोशी तक/सिंहेश्वर महोत्सव:- आखिर कार छिटपुट आरोप प्रत्यारोप के साथ महाशिवरात्रि के अवसर पर आयोजित 3 दिवसीय गोपाष्टमी महोत्सव सौरी सिंहेश्वर महोत्सव संपन्न हो गया। मालुम हो कि नगर पंचायत सिंहेश्वर के मवेशी हाट में 3 दिनों से चल रहे सिंहेश्वर महोत्सव पुरी तरह गोपाष्टमी महोत्सव और मधेपुरा महोत्सव बन कर रह गया। जहा मंच से बाबा सिंहेश्वर नाथ के कसिदे की जगह पसंदिदा अधिकारियों के कसिदे बार बार कसे गए जैसे रिकार्ड एक ही जगह फंस गया हो। मंच सार्वजनिक न होकर अधिकारियों का हो कर रह गया। जिसके कारण सिंहेश्वर महोत्सव उदासीन रहा। भला हो सहरसा के लाल जय झा का जिसने अपनी वाहवाही लुटने वाले अधिकारी का कुछ प्रतिष्ठा बचा दिया। मंच पर भी कोई तालमेल नही दिखा। पुरस्कार वितरण के दौरान परिवार सहित पुरस्कार देने की घोषणा हुई। जब वह अधिकारी परिवार के साथ पुरस्कार देने मंच पर पहुचा तो एक बड़े अधिकारी उस कलाकार को पुरस्कार देकर तब तक मामला ही निपटा दिया। कल्पना पटवारी को इस तरह से दिखाया गया की भीड़ जुट गई। लेकिन आधे घंटे के बाद ही लोग अपने अपने घर का रुख कर दिया। वही व्यक्ति महोत्सव में ठहरे रहे जिसको अधिकारियों का डर घर जाने नही दे रहा था। स्थानीय लोगों ने कहा मधेपुरा में गोपाष्टमी महोत्सव में सिंहेश्वर को भागीदारी नही मिलतीं है। लेकिन सिंहेश्वर महोत्सव मधेपुरा महोत्सव बन कर रह जाता है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों को तरजीह भी नही दिया जाता है।कार्ड दिखाने के दर्जनों नाम लेकिन हर साल की भांति इस साल भी विधानसभा उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव और स्थानीय विधायक चंद्र हास चौपाल ही पहुंचे। जो जिला प्रशासन के कार्यों पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। स्थानीय लोगों की भागीदारी नही रहने के कारण स्थानीय लोगों को सही ढंग से आमंत्रित भी नही किया गया।
खुला आसमान कर गया लोगों को बिमार।
सिंहेश्वर महोत्सव में इस बार अचानक मौसम परिवर्तन के कारण खुले आसमान में दर्शकों को बैठने में तेज हवा और ठंड का सामना करना पड़ा। जिसके कारण कई लोग बिमार भी पड़ गए।
जिला के आला अधिकारी भी नही पहुंचे।
सिंहेश्वर महोत्सव जिस तरह उद्घाटन कर्ता से लेकर विधायक एमपी नही आए उसी तरह महोत्सव में एक दिन भी डीएम और एसपी की मौजूदगी नही रही। कुछ चिन्हित अधिकारी को छोड़ दे तो अधिकतर अधिकारी महोत्सव से कन्नी काटते दिखे।
إرسال تعليق