प्रांगण रंगमंच द्वारा आयोजित प्रांगण पाठशाला में बच्चों ने दिखाई प्रतिभा की बानगी।

Dr.I C Bhagat
0

 बिहार दिवस पर रंगोली बनाते नन्हे नन्हे बच्चे 



कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा:- बिहार दिवस के अवसर पर मधेपुरा के सदर प्रखंड में स्थित प्रांगण पाठशाला में बच्चों ने अपनी प्रतिभा का अद्भुत प्रदर्शन किया। यहां आयोजित पेंटिंग और निबंध प्रतियोगिता में बच्चों ने अपनी कल्पना और रचनात्मकता का जलवा दिखाया। प्रतियोगिता में शामिल छात्रों को पाठ्य सामग्री वितरित की गई और विजेताओं को मेडल, स्कूल बैग और पाठ्य सामग्री से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर पुर्व पैक्स अध्यक्ष इंद्र भुषण यादव, पुर्व मुखिया चंदन कुमार चुनचुन और प्रवीण यादव ने बच्चों को संबोधित किया और बिहार की समृद्ध संस्कृति और इतिहास को जानने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने प्रांगण रंगमंच द्वारा आयोजित सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों की सराहना की और आमजनों से सहयोग करने की अपील की।बच्चों को बिहार दिवस पर पुरस्कृत करते अतिथि 


बिहार दिवस का महत्व इस प्रकार है:


- *बिहार के इतिहास का उत्सव*: बिहार का एक समृद्ध इतिहास है जो कई सहस्त्राब्दियों फैला हुआ है।

- *बिहार के योगदान की मान्यता*: बिहार ने कई प्रमुख नेताओं, विचारकों और दूरदर्शी लोगों को जन्म दिया है जिन्होंने राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

- *बिहार की संस्कृति का प्रदर्शन*: बिहार अपनी जीवंत और विविध संस्कृति के लिए जाना जाता है, जो इसके संगीत, नृत्य, भोजन और त्योहारों में परिलक्षित होता है।

- *एकता की भावना को बढ़ावा देना*: बिहार दिवस विभिन्न समुदायों के लोगों को एक साथ आने और उनके साझा इतिहास और संस्कृति का जश्न मनाने का अवसर प्रदान करता है।

- *विकास को बढ़ावा देना*: बिहार दिवस राज्य द्वारा की गई प्रगति को प्रतिबिंबित करने और आगे की योजनाओं को बनाने का अवसर प्रदान करता है।

प्रांगण रंगमंच के मैनेजिंग ट्रस्टी दिलखुश कुमार ने प्रांगण रंगमंच द्वारा किये जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन प्रांगण रंगमंच सचिव अमित आनन्द ने किया। मौके पर प्रांगण पाठशाला के शिक्षक व कर्मी नीरज कुमार निर्जल, कुंदन कुमार, कंचन कुमारी, रानी कुमारी, अरविंद कुमार यादव, बबलू कुमार, अनीस गौतम, कार्यक्रम संयोजक मुरारी सिंह, संस्था के उपसचिव आशीष सत्यार्थी, कोषाध्यक्ष अभिषेक सोनी आदि उपस्थित रहे। 

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)
//banner