कोशी तक / सिंहेश्वर मधेपुरा :- बिहार के प्रसिद्ध सिंहेश्वर के महाशिवरात्रि मेले में एक फिर विधायक के निशाने पर डीएम महाशिवरात्रि और सिंहेश्वर महोत्सव पर सरकारी राशि के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। राजद विधायक चंद्रहास चौपाल ने सरकार को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा डीएम को पहली पोस्टिंग का सबसे सेफ जोन समझा जाता है। उन्होंने कहा पिछले 3 सालों से मेले के आयोजन में अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों की भूमिका को नजरअंदाज किया जाता है। और सिंहेश्वर महोत्सव में सरकार से मिली 30 लाख रुपये की राशि का अधिकारी बंदरबांट करते हैं।
विधायक श्री चौपाल ने यह भी आरोप लगाया कि जिलाधिकारी अनुभवहीन हैं और उनकी सलाह को नजरअंदाज कर रहे हैं। उनके चारो तरफ विचौलिया का राज है। उन्होंने कहा की है कि मेले के आयोजन को लेकर अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए एक बैठक होनी चाहिए। ताकि महाशिवरात्रि मेला और महोत्सव को आकर्षक बनाया जा सके। इस मामले में विधायक श्री चौपाल ने पर्यटन मंत्री से शिकायत करने की बात कही।ताकि हो रहो इस भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके। कुंवारी कन्या से उद्घाटन का मुद्दा भी छाया रहा
कुंवारी कन्या से उद्घाटन का मुद्दा भी उठाया।
विधायक श्री चौपाल ने कुंवारी कन्या द्वारा महाशिवरात्रि मेला का उद्घाटन कराए जाने की परंपरा पर भी टिप्पणी करते हुए इसे सिर्फ एक समुदाय विशेष की बालिका ना हो उसमें भी आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार को नौकरशाह चला रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी प्रहार करते हुए कहा महिलाओं पर दिए बयान पर कहा उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है।
आगे उन्होंने कहा कि सिंहेश्वर महोत्सव के लिए सरकार से 30 लाख रुपए मिलते हैं। लेकिन अधिकारी इसका बंदरबांट कर लेते हैं। यही कारण है कि जनप्रतिनिधियों को पुछा ही नही जाता है। बाबा के बारात और मेला के उद्घाटन का कार्ड नही छपना जबकि कमेटी के गठन के प्रस्तावित नाम में भी हड़बड़ी की गई है। इस बयान के बाद सिंहेश्वर महाशिवरात्रि मेले में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच टकराव की स्थिति फिर से बनने की नौबत आ गई है।