सिंहेश्वर आवास योजना में धांधली, वार्ड पार्षद के द्वारा ही आवास योजना में दिया गया है आवेदन, कार्यपालक पदाधिकारी कर रहे हैं आवेदन की जांच, जिसे जमीन नहीं उसने भी किया है आवेदन।

Dr.I C Bhagat
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 नगर पंचायत के आवास योजना में लुट की छुट की बु 


कोशी तक/सिंहेश्वर मधेपुरा:- अंधेर नगरी चौपट राजा की कहावत चरितार्थ कर रहा नगर पंचायत में लगातार घांघली की शिकयत मिल रही है। मालुम हो की सिंहेश्वर नगर पंचायत सहित पंचायत क्षेत्र में आवास योजना में बड़े पैमाने पर धांधली की बु आ रही है। धांधली न हो सके इसके लिए जांच टीम को मजबूत करने के दिशा में कार्य करना आवश्यक है। अब तक किए गए आवेदन में धांधली की बात सामने आ रही है। क्योंकि अकेले सिंहेश्वर नगर पंचायत की बात करें तो 714 लोगों ने आवास योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है। जिसमें योग्य लाभुक को ही आवास योजना का लाभ मिलने की उम्मीद है। लेकिन ऐसा होना संभव नहीं लग पा रहा है। आवास योजना के लिए नगर पंचायत के अधिकारी, नगर पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित वार्ड पार्षदों को दिए गए आवेदन में जो वास्तविक गरीब तबके के लोग है उनका चयन करने के लिए कहा गया है। इसके बाद कार्यपालक पदाधिकारी स्तर से जांच टीम में अमीन सहित अन्य कर्मी को सम्मिलित कर जांच के लिए लगा दिया गया है। इसमें अब अंतिम लिस्ट नगर पंचायत कार्यालय स्तर से तैनात कर्मी के द्वारा दिए गए जांच प्रतिवेदन के उपरांत ही योग्य लाभुकों की सूची कार्यपालक पदाधिकारी के द्वारा तैयार किया जाएगा। जिसके बाद नगर विकास एवं आवास विभाग को सूची कार्यपालक पदाधिकारी के द्वारा भेजी जाएगी। 

वार्ड पार्षद ने भी आवास योजना के लिए किया है आवेदन- 

वैसे तो आवास योजना का लाभ गरीब तबके के लोगों को ही दिया जाना है। जिनकी वार्षिक आय तीन लाख से कम हो, कच्चा मकान हो, राशन कार्ड हो, सहित अन्य जरूरी कागजात होने पर ही आवास योजना का लाभ मिल सकता है। इसके साथ- साथ एक लाभुक को लगभग 30 वर्ग मीटर का भूखंड होना भी अनिवार्य है। इसके बाद ही नियम अनुसार लाभुकों को आवास योजना का लाभ मिल सकेगा। लेकिन यहां मामला पूरी तरह से उल्टा पड़ा हुआ है। यहां वार्ड पार्षद के द्वारा ही स्वयं का आवेदन करने के साथ- साथ अपने परिवार के लोगों का आवेदन भी किया गया है। अब ऐसे में सिंहेश्वर नगर पंचायत के गरीब और निसहाय लोग सहज ही अनुमान लगा सकते हैं कि उनकी आवास को खुद उनके वार्ड पार्षद के द्वारा ही डकारने की कोशिश की जा रही है। इस स्थिति में यह भी अनुमान लगाया जा सकता है कि सिंहेश्वर नगर पंचायत का विकास किस हद तक संभव हो पाएगा।

जिसे जमीन नहीं उसने भी किया है आवेदन- 

वैसे तो नगर पंचायत के वार्ड पार्षद के द्वारा गरीब लोगों के आवास को डकारने की कोशिश हर संभव की जा रही है। लेकिन इस बीच लाभुक भी कमजोर नहीं है. वह भी बिना किसी उचित कागजात के आवेदन करने से नहीं चूक रहे हैं। कई ऐसे आवेदनकर्ता है जिनके द्वारा बिना एक डिसमिल जमीन भी रहे बाजार से आवेदन करवा लिया है और नगर पंचायत अधिकारियों को आवास योजना का लाभ देने का दबाव बना रहे हैं। जिसका कई वार्ड पार्षदों के द्वारा भी समर्थन किया जा रहा है। जो वार्ड पार्षदों के मंशा पर एक सवाल खड़ा कर रहा है। कई वार्ड पार्षद खुद के वार्ड में अधिक संख्या में आवास दिलाने के नाम पर नियमों को पूरी तरह से अनदेखा कर आवास योजना दिलवाने की बात कर रहे हैं।

पक्का मकान वालों ने भी किया है आवेदन- 

सिंहेश्वर नगर पंचायत में आवास योजना बस अब एक माखौल बन कर रह गया है। इसमें वाजिब लाभुक को दरकिनार कर पक्का मकान वाले लोगों के द्वारा आवेदन किया गया है। इसमें वार्ड पार्षद भी सम्मिलित है। अब वाजिब में गरीब तबके के लोगों को आवास मिल पाता है कि नहीं इस पर लोगों की नजर टिकी हुई है।

कार्यपालक पदाधिकारी के द्वारा करवाया जा रहा है जांच-

मामला उजागर होते ही सिंहेश्वर नगर पंचायत में आवास योजना में किसी प्रकार की धांधली न हो इसके लिए कार्यपालक पदाधिकारी के स्तर से हर संभव कोशिश किया जा रहा है। इसके लिए कार्यपालक पदाधिकारी के द्वारा जांच टीम का भी गठन कर दिया गया है। जांच टीम का दायित्व है कि कोई भी वैसे आवेदक जो आवास योजना का लाभ लेने योग्य नहीं है। उनका नाम लिस्ट से छांट दिया जाय। अगर इसमें में भी कोई गड़बड़ी होती है इसकी जवाबदेही जांच टीम की होगी।

इस बाबत कार्यपालक पदाधिकारी, सिंहेश्वर सिंधु कमल ने बताया जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है, टीम के द्वारा जांच रिपोर्ट देने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। किसी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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