प्रमुख के द्वारा सीडीपीओ से स्पष्टीकरण के बाद प्रशिक्षण और प्रशिक्षण के भोजन में जबरदस्त सुधार।

Dr.I C Bhagat
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आंगनबाड़ी सेविका के हंगामा के बाद बदला भोजन क्वालिटी 


कोशी तक/ शंकरपुर मधेपुरा :-प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित सभा भवन में बाल विकास परियोजना के द्वारा 100 आंगनबाड़ी सेविकाओं का तीन दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन विभागीय निर्देश पर किया गया था। जिसमें विभागीय नियम कायदा को ताक पर रख कर कार्यालय कर्मी के द्वारा अपने मन मुताबिक प्रशिक्षण कार्य का संचालन कर रहे थे। प्रशिक्षण के दूसरे दिन शनिवार को प्रशिक्षण ले रहे सेविका के द्वारा प्रशिक्षण में मिले घटिया खाना सहित अन्य समस्या को लेकर हो हंगामा करते हुए मामले से प्रखंड प्रमुख को अवगत कराने के बाद प्रखंड प्रमुख ने तत्काल प्रशिक्षण शिविर में पहुंचकर मामले का जांच पड़ताल कर अनियमितता सही पाए जाने पर बाल विकास परियोजना को स्पष्टीकरण किया था। मामले को लेकर कोशी तक के शनिवार को '3 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में अनियमितता को लेकर सीडीपीओ से प्रमुख ने पुछा स्पष्टीकरण' के प्रकाशन के बाद रविवार को प्रशिक्षण ले रहे सेविका को सुबह में नाश्ता चाय और दोपहर में पूरी सब्जी के साथ अन्य सामग्री भोजन दिया गया लेकिन प्रशिक्षक के रूप में नामित राजेश कुमार दोपहर के एक बजे तक प्रशिक्षण से नदारद देखे गए। प्रशिक्षण के अंतिम दिन प्रशिक्षण ले रहे सेविकाओं ने बताया कि बाल विकास परियोजना के कर्मी राजेश कुमार के द्वारा प्रशिक्षण कार्य में मनमानापन अपनाकर शुक्रवार को निम्न क्वालिटी का नाश्ता, चाय पानी और खाना दिया गया। फिर शनिवार को सिर्फ घटिया किस्म का खाना और चाय दिया गया और रविवार किसका निर्देश मिला कि सुबह में नाश्ता भी दिया गया और दोपहर में भोजन में मटर पनीर की सब्जी, पूरी, सलाद, दही, मिठाई सहित अन्य सामग्री दिया गया इससे लगता है कि विभागीय कर्मी मिलीभगत कर प्रशिक्षण के नाम पर लुट खसोट किया गया है।प्रशिक्षण में मजबुरन व्यवस्थित बैठी आंगनबाड़ी सेविका 

 मालूम हो कि जिस हॉल में 25 लोगो का बैठने का जगह है वहां पर 100 सेविकाओं का प्रशिक्षण लिया गया जबकि विभाग के द्वारा प्रशिक्षण हॉल के मद में तीन दिन के लिए 12 हजार, चाय नाश्ता पानी और दोपहर के भोजन के लिए प्रति व्यक्ति प्रति दिन 3 सो रुपया उपलब्ध करवाया गया है। वही प्रतिभागियों के लिए कीट (प्रशिक्षण सामग्री, बैग, फोल्डर, पेन और राइटिंग पैड) के लिए प्रति प्रतिभागियों के लिए 3 सौ रुपया उपलब्ध करवाया गया है। प्रशिक्षण ले रही सेविकाओं को प्रति दिन 150 रुपया यात्रा भत्ता दिया जाना है। बैनर सहित आकस्मिकता के लिए 8 हजार रूपया दिया गया। कुल एक सौ सेविकाओं के तीन दिन के लिए विभाग से एक लाख 85 हजार रूपया उपलब्ध करवाया गया है लेकिन विभागीय निर्देश का खुलेआम प्रशिक्षण में धज्जियां उड़ाई गई। इसका जबावदेह कौन होगा। 

इस बाबत प्रखंड प्रमुख ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान हुए अनियमितता को लेकर बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को 24 घंटा के अंदर स्पष्टीकरण का जवाब देने के लिए कहा गया है स्पष्टीकरण का जवाब स:समय नहीं मिलने पर मामले की जांच हेतु जिला पदाधिकारी को पत्राचार किया जाएगा।

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