एक बेलपत्र में तय हुआ बाबा सिंहेश्वर नाथ का विवाह। मैया की ओर से एसडीएम ने बांधी बाबा के तिलक की गांठ। अबीर से साराबोर हुआ बाबा मंदिर।

Dr.I C Bhagat
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बाबा सिंहेश्वर नाथ के तिलकोत्सव में चंदन का लेप करते पुजारी 
बाबा का दुध से अभिषेक करते पुजारी जवाहर ठाकुर 


कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा 


बसंत पंचमी के पावन वेला में गौरीपुर के पंडा समाज की ओर से माता गौरी के विवाह का रशम निभाने बाबा सिंहेश्वर नाथ का तिलक लेकर गाजे बाजे के साथ जब बाबा मंदिर पहुंचे तो श्रद्धालुओं की भीड़ ने मंदिर परिसर में उसका भव्य स्वागत किया। तिलक लेकर आए आगंतुकों में एसडीओ सह सचिव सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति सिंहेश्वर संतोष कुमार, प्रबंधक संतोष कुमार के अगुआई में पंडा समाज के जवाहर ठाकुर, सत्येंद्र ठाकुर उर्फ बचनु बाबा, अमरनाथ ठाकुर उर्फ लालबाबा, शंकर ठाकुर उर्फ रघु बाबा, पाल बाबा, पवन बाबा, पंकज बाबा, मालिक ठाकुर, अरविंद ठाकुर, कलानंद ठाकुर, निलांबर ठाकुर, ने तिलक का रशम को बखुबी पुरा किया। बाबा के तिलक का समान के साथ पंडा के साथ एसडीओ पहुंचे मंदिरएसडीओ बांधा हल्दी, धान और समान डाल बांधा तिलक का गांठ

एसडीओ ने बांधा बाबा सिंहेश्वर नाथ के तिलकोत्सव का गांठ।


बाबा के तिलकोत्सव को लेकर बाबा सिंहेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालु बाबा के तिलकोत्सव के नयनाभिराम दृश्य को देखने के लिए उत्सुक थें। इसके लिए बाबा सिंहेश्वर नाथ के मंदिर  के गर्भ गृह को तिलकोत्सव का कार्यक्रम शुरु होने से पहले साफ सफाई कर जल से धोने के बाद बाबा भोलेनाथ को गंगाजल चढाया गया। पुजारी जवाहर ठाकुर ने तिलकोत्सव का कार्यक्रम आरंभ करते हुए सबसे पहले बाबा भोलेनाथ के कामना लिंग को मधु शक्कर का लेप लगाया गया। उसके बाद विभिन्न प्रकार की सुगंधित तेल और अष्टगंध से स्नान के बाद बाबा भोलेनाथ को 11 लीटर दूध से दुग्धा अभिषेक किया गया। दूध से अभिषेक के बाद बाबा को चंदन का लेप लगाने के बाद भष्म चढ़ाया गया। फिर बाबा के शिवलिंग को बेलपत्र से आच्छादित कर दिया गया। उसके बाद एक जोड़ी घोती में से एक धोती को बाबा को ढक दिया वही दुसरी धोती से बाबा के तिलक का गांठ बांधने सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के सचिव सह एसडीओ संतोष कुमार ने विधिवत तिलक के रश्म की सभी सामग्री 5 किलों धान, हल्दी 11 पीस, सुपारी 11 पीस, दुर्वा के  साथ नगद 501 देकर उस पीला धोती में बांध कर बाबा को तिलक चढ़ाने का रश्म पुरा किया गया। इस अवसर पर अमरनाथ ठाकुर उर्फ लालबाबा ने कहा की बाबा भोलेनाथ एक बेलपत्र में ही प्रसन्न हो जाते हैं। बाबा की शादी में एक बेलपत्र ही दहेज के रूप में चढाया गया। जो शादी  विवाह में दहेज नही लेने की प्रेरणा देता है।

स्थानीय श्रद्धालुओं की ओर से आया ढेर सारा प्रसाद 

श्रद्धालुओं के द्वारा तरह तरह के प्रसाद और व्यंजन भेट किया। 

बाबा सिंहेश्वर नाथ के तिलकोत्सव पर इस बार एक खास पहल देखने को मिला। समस्त सिंहेश्वर वासियों ने इस बार बाबा के तिलक में शामिल होने के लिए अपने अपने घरों तरह तरह के प्रसाद और व्यंजन लेकर मंदिर पहुंचे। जिसके कारण गर्भ गृह तरह तरह के प्रसाद और व्यंजन से भर गया। 

बाबा दरबार में पहली होली खेली गई।

बाबा दरबार में तिलकोत्सव कार्यक्रम के बाद पर बाबा को  अबीर चढ़ा कर बसंत पंचमी से ही पहली होली खेलने की शुरुआत की गई। बाबा का अबीर से अभिषेक के बाद श्रद्धालुओं ने भी एक दूसरे को अबीर लगाकर पहली होली का  जम कर लुफ्त उठाया और पहली होली खेलने का शुभारंभ किया। 

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