विश्व का एक मात्र ग्रंथ श्रीमद्भागवत गीता जिसकी मनाई जाती है जंयती।

श्रीमद्भागवत गीता के जयंती पर पुजन करते भास्कर निखिल 


कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा


श्रृंगी ऋषि सेवा फाउंडेशन के शिव गायत्री ऋषि कुटीर में श्रीमद्भागवत गीता जयंती मनाई गई। इस अवसर पर फाउंडेशन के संस्थापक भास्कर कुमार निखिल ने कहा भगवान कृष्ण ब्रह्मांड के सबसे बड़े दार्शनिक और श्रीमदभागवत गीता सबसे बड़े दर्शन शास्त्र है। दुनियाभर में अलग-अलग धर्मों के अपने धार्मिक ग्रंथ हैं। वहीं हिंदू धर्म में भी कई धार्मिक ग्रंथ है। लेकिन गीता दुनिया का एकमात्र ऐसा ग्रंथ है, जिसकी जयंती मनाई जाती है। इसका कारण यह है कि गीता ऐसा ग्रंथ है जिसका जन्म स्वयं श्रीकृष्ण ने मुख से हुआ। गीता में वर्णित एक-एक श्लोक भगवान कृष्ण के मुख से निकले हैं। इसलिए इसकी जयंती मनाई जाती है। साथ ही उन्होंने कहा गीता समस्त शास्त्रों की जननी है क्योंकि की सभी शास्त्रों में ईश्वर की चर्चा है। और श्रीमद्भागवत गीता में ईश्वर प्राप्ति की चर्चा है। मौके पर पंडित बिनोद झा, श्रृंगी ऋषि सेवा फाउंडेशन के मुख प्रबंधक सागर यादव, कोषाध्यक्ष मनीष आनंद, प्रबंधक सोनु भगत, प्रिंस कुमार, सौरव कुमार सहित अन्य उपस्थित थे।

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