कोशी तक/ मधेपुरा
बिजली कर्मियों की मनमानी और स्मार्ट मीटर के विरोध में में मधेपुरा के बिजली ऑफिस परिसर में गुरुवार को स्मार्ट प्रीपेड मीटर के खिलाफ नागरिक मंच की ओर से एक दिवसीय धरना दिया गया। धरना में शामिल लोगों ने कहा कि बिजली विभाग आज नागरिकों के आर्थिक और मानसिक शोषण का कारण बनता जा रहा है। कॉरपोरेट कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार बड़े पैमाने पर स्मार्ट मीटर लगा रही है।
लोगों ने कहा कि सरकार और विभाग इसके कई फायदा गिनाते हैं, लेकिन लोग इसके मनमाने बिल से परेशान हैं। इतना ही नहीं जहां अन्य राज्यों में बिजली का दाम 3 से 4 रुपए प्रति यूनिट है। बिहार में 6 से 10 रुपए प्रति यूनिट वसूल कर जनता का शोषण किया जा रहा है।
विभाग के कर्मचारी पर कार्रवाई की मांग की।
धरना में शामिल लोगों ने कहा प्रीपेड मीटर लगने के कारण बेरोजगार हुए रूरल रेवेन्यू फ्रेंचाइजी आरआरएफ का समायोजन, नागरिकों को विद्युत कनेक्शन देने के लिए मुख्यालय स्तर से निर्धारित समय सीमा का सख्ती से पालन करने, नागरिकों के साथ बदतमीजी करने वाले बिजली विभाग के कर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग की। साथ ही मीटर लगाने के एवज में जारी अवैध वसूली पर अविलंब रोक लगाने, बिजली विभाग की ओर से जारी 1912 टोल फ्री नंबर पर प्राप्त शिकायत का निवारण किए बिना क्लोज करने वाले कर्मी पर कार्रवाई करने, किसानों के खेत तक पोल एवं ट्रांसफार्मर की सुविधा देते हुए कैंप के माध्यम से कृषि कनेक्शन का वितरण कराने और 21वीं सदी में भी बांस बल्ले पर जारी विद्युत आपूर्ति को दुरुस्त करवाने के लिए नागरिक मंच ने बिजली कार्यालय पर एक दिवसीय रोषपूर्ण धरना दिया।
इस अवसर पर संरक्षक प्रमोद प्रभाकर, अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद यादव, महासचिव अनिल अनल, उपाध्यक्ष राहुल यादव, संयुक्त सचिव निशांत यादव, वरुण कुमार समेत अन्य लोग मौजूद थे।
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