जेएनकेटी मेडिकल में केक काट कर मनाया एनिस्थेसिया डे

 जेएनकेटी मेडिकल में केक काट कर मनाया एनिस्थेसिया दिवस 


कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा 


जेएनकेटी मेडिकल कालेज एवं हास्पीटल में वर्ल्ड एनिस्थिसिया डे धुमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर जेएनकेटी मेडिकल कालेज के सुप्रिटेंडेंट प्रो. डा. नगीना चौधरी और प्राचार्य डा. दिनेश प्रसाद ने केक काट कर वर्ल्ड एनिथिसिया दिवस मनाया। और  बताया कि अब एनेसथिसिया की जरूरत नही रह गई है। अब हमलोग इथर देते ही नही है। जिस अंग में आपरेशन करना होता है उसे ब्लाक कर देते हैं। प्राचार्य डा. दिनेश प्रसाद ने मेडिकल साइंस में एनिस्थेसिया के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि इस दिन पहली बार एनेस्थीसिया का इस्तेमाल हुआ था। एनेस्थीसिया की खोज से पहले सर्जरी करना चिकित्सक और मरीज दोनों के लिए ही बहुत कष्टदायक होता था। केक काटते जेएनकेटी मेडिकल कालेज के अधिक्षक और प्राचार्य 

डा. प्रिय रंजन भास्कर ने बताया कि एनेस्थीसिया की मदद से बिना किसी दर्द के सर्जरी करना संभव हो पाया है। जो कि मेडिकल साइंस के लिए बहुत बड़ी उपलब्धी है। एनेस्थीसिया की खोज होने से पहले सर्जरी को जितना हो सके टालने की कोशिश की जाती थी। क्योंकि बिना एनेस्थीसिया के मरीज को सर्जरी के दौरान असहनीय दर्द से गुजरना पड़ता था। मरीज की चीखों के बीच चिकित्सको को सर्जरी करनी पड़ती थी। जो कि इमोशनल तकलीफ का भी कारण होता था। उन्होंने कहा वर्ल्ड एनेस्थीसिया डे 2024 की थीम "वर्क फोर्स वेलनेस" है। जो कैंसर के उपचार में एनेस्थीसिया की बड़ी भूमिका को उजागर करता है। ये अभियान कैंसर रोगियों के लिए डायग्नोस और रिजल्ट में सुधार करने के टारगेट के साथ एनेस्थीसिया सर्विस को सपोर्ट और विस्तार करने पर केंद्रित है।  वहीं डा. अंजनी कुमार ने बताया कि सबसे पहली बार आज ही के दिन साल 1846 में एनेस्थीसिया का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया था। इस दिन इथर का एनेस्थीसिया की तरह कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका सफलता पूर्वक प्रयोग करके दिखाया गया था। इस वजह से कई देशों में इसे इथर डे भी कहा जाता है। मौके पर  उपाधिक्षक डा. कृष्णा प्रसाद, मेडिसिन विभाग के डा. आनंद कुमार, डा. पूनम कुमारी, आई स्पेशलिस्ट विनोद कुमार, डा. वेणुगोपाल, डा. वीरेंद्र कुमार, डा. पीके मधुकर, डा. जेपी भारती, डा. संतोष कुमार भगत, डा. अभय कुमार, डा. प्रवीण कुमार, डा. सत्य दर्शी, डा. रजनीश मिश्रा, डा. कासिम शाहनवाज के साथ विभाग के कई कर्मी शामिल थे।

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