कोशीतक/ बिहारीगंज मधेपुरा
अक्सर लोग कहते हैं कि भारत सरकार प्राइवेट फिजिशियन की ओर जा रही है अगर एक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह कोई खराब नीति नहीं है। इस एक ताजा उदाहरण 24 सितंबर मंगलवार की बात है। फरक्का एक्सप्रेस ट्रेन जो भटिंडा से चलती है उसके एसी कोच में कुल के आसपास जब बारिश होने लगी तो ट्रेन की छत से पानी की बूंदे कोच के अंदर प्रवेश करने लगी। बारिश के दौरान पानी के कारण शॉर्ट सर्किट भी हुआ और पूरा बोगी धुएं से भर गया। आनन-फानन में किसी की नजर परी तो इसकी सुचना दी। जिस पर ट्रेन में चल रहे टेक्नीशियन पहुंचे और कट ऑफ किया। लेकिन पूरा सिस्टम जल चुका था बाद में पता चला कि जहां ऐसी का सिस्टम था वह सिस्टम के अंदर पानी की बूंदे जाने से शॉर्ट सर्किट हुआ। जिससे अलर्ट का सायरन भी बजा और लाल बत्ती भी जल गया। जिस समय रात्रि के लगभग 3 बज रहे थे सारे यात्री सोए हुए थे। जो कुछ लोग जगे हुए थे और जिसमें बिहारीगंज के गगन कुमार भी थे। जो चारधाम की यात्रा पर निकले थे। और एक दो अन्य व्यक्ति भी थे जिन्होंने 139 पर फोन किया गया। 139 पर फोन करने के पश्चात ही पूरा डिटेल लिया जाने लगा जिधर आग लगी है उधर पूरा डिटेल लिया जा रहा था।बोगी के छत से टपकता बारिश का पानी सहज दिखता है
टेक्निशियन ने बोगी का लाइन डिस्कनेक्ट कर बड़ी घटना को रोका
फिर भी कुछ मिनट में सिस्टम को खोला गया इसके बाद ऑफ किया गया तब जाकर लोगों की जान बची। वरना एक बड़ी दुर्घटना घट सकती थी। यही एक कारण है और सोचने वाली बात यह है कि आखिर सरकारी कर्मी करते क्या हैं। बी 3 बोगी नंबर 1327 की बात है एसी बोगी की यह स्थिति है। कोच का मैन्युफैक्चरिंग डेट जून 2017 था और आज 2024 है इतने दिनों से पानी का रिसाव हो रहा था तो सरकारी कर्मी कर क्या रहे थे। उनके द्वारा आज तक उसे दुरुस्त करने का प्रयास क्यों नहीं किया गया। आखिर यह एक दिन की बात तो नहीं है नहीं सरकारी कर्मी के लापरवाही का नतीजा है कि जब बड़ी दुर्घटना होती है। इसके बाद सारे कमी सो जाते हैं। लोगों की जान चली जाती है। आम आदमी मर जाते हैं उसे कोई देखने वाला नहीं होता जबकि प्राइवेट करने अपना काम बखूबी निभाते हैं ऐसी बात नहीं है कि सरकारी कमी नहीं करते कुछ लापरवाह सरकारी कर्मियों के कारण ही सारा सिस्टम बदनाम होता है। बाद में जमालपुर स्टेशन पर भी पूरे तमाम के साथ गार्ड ड्राइवर उन पुलिस पदाधिकारी भी पहुंचे। इतना सब होने के पश्चात गाड़ी को रवाना किया गया। सवाल उठता है बाद में अब आगे क्या होगा उसे दुरुस्त किया जाएगा या फिर अपनी इस तरह बोगी से बारिश का पानी टपकता रहेगा। और ट्रेन के साथ यह बोगी चलता रहेगा। बहुत सारे ऐसे सवाल हैं जो की भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है लेकिन एक बात तो स्पष्ट है कि अगर सरकार प्राइवेट की ओर जा रही है। इसका एकमात्र कारण सिस्टम में काम करने वाले लोगों के लापरवाही का नतीजा है। कि सरकार को भी बिबस होकर उपरोक्त कार्य करना पड़ रहा है। अगर किसी के नजर उसे पर नहीं पड़ती सभी सोए रहते तो कितना बड़ा हादसा हो सकता है इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है।
बिहारीगंज से सत्यम कुमार की रिपोर्ट