मैं हिन्दी हूं" नामक नाटक का कलाकारों ने मंचन किया।


मै हिन्दी हुं नाटक का कलाकारों ने किया मंचन 


कोशीतक/सिंहेश्वर मधेपुरा 


शनिवार को जिला मुख्यालय के आजाद नगर मुहल्ला में हिंदी दिवस के शुभ अवसर आयोजित कार्यक्रम में सामाजिक सांस्कृतिक एवं साहित्यिक गतिविधियों में सक्रिय संस्था सृजन दर्पण के कलाकारों ने रंगकर्मी विकास कुमार के निर्देशन में हिन्दी भाषा की समृद्धि और महत्व पर आधारित "मैं हिन्दी हूं" नामक नाटक का जीवंत मंचन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत तु ज़िन्दा है तो जिंदगी की जीत में यकीन कर गीतों से किया। वहीं रंगकर्मी विकास ने बताया कि हिंदी दिवस पर नाटक करने का मूख्य उद्देश्य है कि हिंदी भाषा का देश और दुनिया में प्रचार प्रसार करना। उन्होंने यह भी कहा कि विश्व में लगभग 30 करोड़ से अधिक लोग हिंदी को बोलते और समझते हैं। हिंदी पूरे विश्व में तीसरी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा है। जबकि संस्था के वरीय सदस्य सौरभ कुमार सुमन के नेतृत्व में आत्मकथा शैली में कलाकारों ने नाटक के जरिए बताने का प्रयास किया कि हिंदी कैसे सदियों से भारतीय संस्कृति का संवहन करती आ रही है। यह संघर्ष की दौड़ से गुजरी कभी अपने उत्कर्ष का समय आया कभी अपकर्ष का। भिन्न भिन्न कालों में एक से बढ़कर एक जीवंत रचनाकारों ने इसमें रचना की। हिंदी ने उसे अमर बना दिया। तुलसी, सूर, मीरा, प्रेमचन्द, बच्चन आदि जैसे रचनाकारों ने इसे सजाया, संवारा। हिंदी ने गीत, ग़ज़लों, भजनों से ईश्वर की भक्ति और राष्ट्र की बंदना की। नाटक में मुख्य रूप से मंयक कुमार, हनी कुमार, आदित्य कुमार, भारती कुमारी, मुस्कान कुमारी, अस्मीती कुमारी, लक्ष्मी कुमारी आदि ने प्रस्तुति दी। नाटक का संचालन सानू कुमार ने किया।

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