बिहार सरकार द्वारा जारी श्रावणी मेले की सूची में बाबा सिंहेश्वर का नाम को जोड़ने के संबंध में डीएम मधेपुरा ने की पहल।

Dr.I C Bhagat
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श्रावणी मेला की सुची में शामिल करने के लिए डीएम की पहल। अपर मुख्य सचिव को भेजा पत्र।


कोशीतक/ सिंहेश्वर मधेपुरा


मधेपुरा जिला के सिंहेश्वर स्थान स्थित शिव मंदिर बिहार में सबसे बड़ा और पौराणिक शिव मंदिर है। जब बिहार झारखंड एक हुआ करता था। तो उस समय यह शिव मंदिर देवघर के बाद दूसरे स्थान पर था। प्रत्येक वर्ष के श्रावण मास में सिंहेश्वर स्थान स्थित शिव मंदिर में पड़ोसी देश नेपाल एवं राज्य के विभिन्न जिलों से लाखों की संख्या में श्रद्धालुगण पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं। ऐतिहासिक दृष्टिकोण, राजस्व संग्रहण एवं श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन की पहल के अंतर्गत जिला पदाधिकारी, मधेपुरा-सह-अध्यक्ष सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति विजय  प्रकाश मीणा के द्वारा अपर मुख्य सचिव, राजस्व विभाग, बिहार पटना को पत्र प्रेषित करते हुए श्रावणी मेले की सूची में सिंहेश्वर स्थान के नाम को अंकित करने की दिशा में अग्रेत्तर कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है। विदित है कि धार्मिक न्यास परिषद, बिहार, पटना को प्राप्त आय के आंकड़े के अनुसार राज्य में राजस्व संग्रहण में सिंहेश्वर स्थान तीसरे नंबर पर आता है। राज्य के सभी धार्मिक स्थान के आय के मामले में सिंहेश्वर स्थान तीसरे स्थान पर है जबकि शिव मंदिर, सिंहेश्वर आय के मामले में दूसरे नंबर पर है। राज्य के सभी मंदिरों का पंजीकरण बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद करती है। सभी मंदिर अपने आय का एक निश्चित हिस्सा राज्य धार्मिक न्यास पर्षद को भुगतान करती है। पूरे राज्य से धार्मिक न्यास पर्षद को आय देने के मामले में सिंहेश्वर स्थान तीसरे नंबर पर है। स्थानीय लोगों की अपेक्षा एवं मांग के दृष्टिगत राज्य में लगने वाले श्रावणी मेले की सूची में सिंहेश्वर स्थान के नाम को भी शामिल कर सिंहेश्वर स्थान के चौमुखी विकास एवं पर्यटन स्थल के रूप में विकास की ओर पहल के लिए जिला पदाधिकारी मधेपुरा -सह- अध्यक्ष सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के द्वारा अपर मुख्य सचिव, राजस्व विभाग बिहार पटना से अनुरोध किया है। 

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