कोशीतक /सिंहेश्वर मधेपुरा
सावन की पहली सोमवारी को लगभग 1 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा सिंहेश्वर नाथ का जलाभिषेक किया। इस दौरान बाबा सिंहेश्वर नाथ के परिसर खचाखच भीड़ को देखते हुए लगभग 1.30 बजे सरकारी पुजा के बाद डीएम विजय प्रकाश मीणा, एसपी संदीप सिंह, एडीएम अरूण कुमार, एएसपी प्रवेंद्र भारती, एसडीओ संतोष कुमार, प्रशिक्षु सहायक समाहर्ता सह सहायक दंडाधिकारी कृतिका मिश्रा के साथ सावन की पहली सोमवारी की पहली पुजा कर मंदिर का गेट खोल दिया। और श्रद्धालुओं के जलाभिषेक के लिए अरघा लगा दिया गया।गर्भगृह का पट खुलते ही हरहर महादेव की जायकारे के साथ श्रृद्धालुओं का सैलाब भगवान आशुतोष के जलाभिषेक के लिए उमड़ पड़ा।सावन के सोमवार की पहली पुजा करते डीएम, एसपी व अधिकारी
लगभग 2 बजे से सुबह 5 बजे तक श्रद्धालुओं की भीड़ एक रंग रही। वर्षा के कारण भीड़ थोड़ी थमी लेकिन साढ़े 7 बजे के बाद फिर भीड़ ने रंग पकड़ लिया। जो शाम तक चला। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर परिसर में पुलिस बल और मजिस्ट्रेट की कमी नजर आ रही थी। जिसके कारण जगह जगह श्रद्धालु मंदिर में लगा बेरिकेडिंग को पार कर मंदिर में प्रवेश कर रहे थे। मंदिर के बेरिकेडिंग के पास सीमित पुलिस बल के कारण यह नजारा जगह जगह देखने को मिल रहा था। तामझाम के साथ लगा 20 हजार लीटर पानी देने वाला आरओ फेल
मंदिर परिसर में लगा आरओ फेल।
बाबा मंदिर में आए श्रद्धालु मंदिर से बाहर आने के बाद सबसे पहले सुख रहे गले को तर करना चाह रहे थे। लेकिन मंदिर परिसर में लगा आरओ हाथी का दांत साबित हुआ। बाबा सिंहेश्वर नाथ की कृपा और धन्यवाद न्यास सचिव सहित उन लोगों को जिसने अंतिम समय में सिंहेश्वर मंदिर परिसर में श्रृंगी ऋषि सेवा फाउंडेशन का शिविर लगाने की इजाजत दी। और लोगों को वहा पानी की जगह शर्बत मिला। श्रद्धालुओं के सुखे कंठ को राहत मिली। मालूम हो कि बड़े ही तामझाम के साथ पीएचईडी मंत्री निरज कुमार बबलू ने मंदिर पहुंचकर घोषणा की थी की श्रावणी मेला में एक भी श्रद्धालु को बोतल का पानी नही खरीदना पड़ेगा। लेकिन हुआ इसके उलट मंदिर में लगा दोनों आरओ फेल हो गया। पीने के पानी की व्यवस्था कही नजर नही आई। पर्व से मंदिर लगे आरओ को भी दोनों आरओ वाले की नजर लग गई। उसका मशीन उठा कर जिस आरओ में लगाया लेकिन फिर भी वह फेल रहा। शेड के अंदर कतार में जलाभिषेक के लिए लगे श्रद्धालु
नाग गेट बंद रहने से रही अफरातफरी।
बाबा मंदिर में प्रवेश के लिए दोनों नाग गेट से प्रवेश को पुर्णत रोक दिया गया। जिससे पहले से ही परेशान श्रद्धालुओं के सब्र का बांध टुटने लगा। और गेट के उपर से श्रद्धालु मंदिर परिसर पहुंचने लगे। वही स्थिति बिगड़तीं देख प्रशासन ने पहले छोटा इंट्री गेट खोला लेकिन भीड़ के दवाब को देखते बाद में पुरा गेट खोल दिया। उसके कुछ देर बाद पुर्वी नाग गेट भी खोल दिया गया। जिसके बाद भीड़ का दबाव ही खत्म हो गया। स्वास्थ्य शिविर में चिकित्सक के नेतृत्व मेडिकल की टीम
समुचित व्यवस्था के साथ लगा है स्वास्थ्य शिविर
स्वास्थ्य शिविर में सेवा देते चिकित्सक और सहयोगी
स्वास्थ्य विभाग के बचाई मंदिर प्रशासन की लाज।
सिंहेश्वर के राजकिय श्रावणी मेला में इसबार स्वास्थ्य विभाग की टीम पुरे साजों समान और लाव लश्कर के साथ श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे थें। मंदिर में गिरे श्रद्धालुओं के अलावा डाक बम की सेवा में तत्पर दिखे। इस बाबत सीएचसी प्रभारी डा. रविन्द्र कुमार ने बताया की रविवार के शाम से ही शिविर लगाया गया है। सोमवार को 11 बजे तक 252 मरीजों का इलाज किया गया है। जिसमें 6 मरीज को को गिरने परने से कट हो गया था उसे भी समुचित इलाज के बाद घर भेज दिया है। वही अधिक घायल को सीएचसी भेज दिया गया। इस बार यहा डीएम साहब के द्वारा हर सुविधा उपलब्ध कराने के कारण यह सब संभव हो सका है। शिवगंगा पर लगा झरना का आनंद लेते श्रद्धालु
शिवगंगा पर श्रद्धालु ले रहे हैं झरनें का मजा।
डीएम की पहल पर शिवगंगा को पुरी तरह से सजाया संवारा गया है। शिवगंगा पर श्रृद्धालुओं को स्नान के लिए झरना लगाया गया है। जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बन गया है। अब बड़े बुढ़े तालाब में उतर कर स्नान करने से परहेज करते हैं। उसे झरना में नहाना रास आ रहा था।
यातायात की व्यवस्था से परेशान दिखे श्रद्धालु।
बाबा सिंहेश्वर नाथ के दर्शन और पुजन इस बार श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का सबब बन गया। यातायात नियम बड़ी बड़ी गाड़ियों के लिए तो अच्छा समझ में आ रहा था। लेकिन बाईक सवार को नारियल विकास बोर्ड के पास ही रोकना कही से उचित नही लग रहा था। श्रद्धालु पति पत्नी या बच्चे के साथ बाबा का दर्शन करने आते हैं। उसे नारियल विकास बोर्ड के पास रोकने जगह बाजार के रोड नंबर 18 से मेला ग्राउंड तक आने देने से लोगों को सहुलियत होती। जिसके कारण नारियल विकास बोर्ड के पास हंगामा की स्थिति बनी रही। वहा पार्किंग की व्यवस्था नही रहने के कारण वहा बाईक लगाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ा। सड़क पर टेक खोजकर चंदन टीक लगाते बाबा मंदिर के पंडा जी
पुजारियों का हाल रहा बेहाल
बाबा मंदिर में बेरिकेडिंग के कारण बाबा मंदिर का पुजारी यत्र यत्र घुमते दिखे । मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को जल अभिमंत्रित करने वाला को नही मिल रहा था। वही कुछ पुजारी मंदिर रोड में तो कुछ शेड के नीचे चंदन टीका लगाकर दो पैसा उपार्जन की कोशिश करते दिखे। वही भीआईपी पंडा तो ना चंदन लगा सके ना ही मंदिर में श्रद्धालुओं को पुजा करा सके। वही अधिकतर पंडा जी निराश होकर घर जाना ही उचित समझे।
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