मधेपुरा में अचानक तेज हवा और बारिश के कारण ईवीएम सेंटर पर ईवीएम को पानी से बचाने में छूटे अधिकारियों के पसीने। टेंट भी गिरा।

71 बिहारीगंज विधानसभा का ध्वस्त टेंट , बाल बाल बचे पीठासीन 
73 मधेपुरा विधानसभा के टेंट का गिरा अगला भाग, छेद कर बचाया टेंट 


कोशीतक/ सिंहेश्वर मधेपुरा


मधेपुरा में शांतिपूर्ण मतदान के बाद कई बूथों पर 7 बजे तक मतदान की प्रक्रिया पुरी की गई। लगभग 61 प्रतिशत हुआ मतदान जो कुछ प्रतिशत बढ सकता है। वहीं मतदान के बाद बूथों से ईवीएम सेंटर पहुंचने के दौरान कई ईवीएम में पानी जाने की आशंका जताई जा रही हैं। हालांकि फिलहाल इस बातो की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। लेकिन अचानक आई तेज हवा और झमाझम बारिश के कारण जिला मुख्यालय के बीएनएमयू नॉर्थ कैंपस में बना ईवीएम सेंटर पर ईवीएम लेकर  जमा करने पहुंचे पीठासीन और उसको जमा करवाने वाले अधिकारियों के हाथ पांव फुलने लगे। और  ईवीएम को बचाने के लिए उद्घोषणा होने लगी। ईवीएम को बचाने के लिए प्लास्टिक का लगातार वितरण किया जाने लगा। फिर जब टेंट का वाटर प्रूफ सिस्टम फेल  होने के कारण टेंट से जगह जगह पानी का रिसाव होने से पानी टेंट के नीचे झील का दृश्य उत्पन्न हो गया।पानी में मोनिटरिंग करते डीएम विजय प्रकाश मीणा बारिश से टेंट को बचाने में जुटे उपसमाहर्ता नजारत पंकज घोष 

 ईवीएम बचाने के लिए पानी में जिलाधिकारी विजय प्रकाश मीणा खुद मोनिटरिंग कर रहे थे। एसडीओ संतोष कुमार लगातार ईवीएम बचाने की उद्घोषणा कर रहे थे। और उप समाहर्ता नजारत पंकज घोष भी पानी में भींग कर ईवीएम और टेंट बचाने की  मुहिम में जुटे थे। उसी समय तेज हवा के झोंके के कारण सबसे पहले 71 बिहारीगंज का टेंट धराशाई होकर जमीन पर गिर गया। लोग ईवीएम और जान बचाने के लिए नार्थ कैंपस के पक्के मकान और बरामदे पर चले गए।

ईवीएम को बचाने की कोशिश में पीठासीन पदाधिकारी

 वही मधेपुरा 73 का टेंट भी पानी की भार से लगभग गिरने ही वाला था। की जहा जहा पानी का दवाव था उसको फाड़ कर टेंट को गिरने से बचाया गया। लगभग सभी टेंट का एक समान ही हाल था।  लगभग सवा घंटे की बारिश ने प्राकृतिक की ताकत का नजारा प्रस्तुत किया। पानी की रफ्तार कम होने के बाद ईवीएम जमा करने का सिलसिला शुरू हो गया। लेकिन पानी में भीग कर आए पीठासीन अधिकारी ईवीएम को कितना बचा पाए यह अधिकारिक बयान के आने के बाद ही पता चलेगा। 

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