कोशी तक/ सिंहेश्वर मधेपुरा
आधुनिकता की दुनिया में बेहतर से बेहतर सुविधा मिल सके यह कोशिश हर आम आदमी से की जाती है। लेकिन भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय ठीक उससे उल्टा चलता है। जब से विश्वविद्यालय ने यूआई एमआईएस पोर्टल की स्थापना की है। छात्रों को सुविधा देने के नाम पर इसकी आर में उनका आर्थिक और मानसिक दोहन किया जाता है। जब भी विश्वविद्यालय द्वारा किसी फॉर्म भरने की तिथि जारी की जाती है तो निर्धारित तिथि के एक दो दिन के बाद ही पोर्टल खोला जाता है. फॉर्म भरने की तिथि जारी करने के बाद छात्रों का भरा हुआ डिटेल के साथ ही पोर्टल खोला जाता है। अगर उस दौरान कुछ गलत डिटेल भी भरा हुआ हो तो उसे सुधारने का ऑप्शन नहीं दिया जाता है। ऐसे में मजबूरन छात्रों को गलत डिटेल के साथ ही फॉर्म भरना पड़ता है। जब इस बात की शिकायत लेकर यूएमआईएस पोर्टल के कार्यालय में छात्र पहुंचते हैं तो उसे नोडल पदाधिकारी से आवेदन फॉरवर्ड करवा कर पांच सौ रुपए का चालान कटवाने के लिए कहा जाता है। तब उनकी उक्त समस्या का निदान करने की बात कही जाती है। बीएसएस कॉलेज सुपौल के पीजी के छात्र मनीष जायसवाल का कहना है कि विश्वविद्यालय के द्वारा थर्ड सेमेस्टर में नामांकन की तिथि दी गई लेकिन उसका सही तरीके से सूचना नहीं देने के कारण अधिकांश छात्रों को नामांकन के बारे में पता नहीं चल सका जिस कारण वे अपना नामांकन कराने से वंचित रह गए। और इसलिए वे सभी परीक्षा फॉर्म भी नहीं भर पाए। उन्होंने बताया कि वेबसाइट सही से काम नहीं करने के कारण कई छात्रों का पेमेंट खाता से कट जाने के बाद भी पेमेंट पेंडिंग शो कर रहा है। छात्रों को आए दिन बार-बार विश्वविद्यालय के यूआईएमएस पोर्टल कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। केशव कुमार ने बताया कि यूआईमपोर्टल से नामांकन लेने के समय दो बार पैसा काट लिया गया लेकिन अभी तक पैसा वापस नहीं किया गया है. मन्नू कुमारी ने बताया कि बीए का मूल प्रमाण पत्र लेने के लिए चालान जमा किए हुआ तकरीबन 6 महीना हो गया है लेकिन अभी तक मूल प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है।
चंदन कुमार ने बताया कि यूआईएमएस पोर्टल द्वारा जान बूझकर फॉर्म में कुछ न कुछ गलती कर दी जाती है। और फिर सुधार करवाने के लिए पांच सौ रुपये का चालान कटवाने के बाद ही सही किया जाता है। बीएसएस कॉलेज सुपौल के ही पीजी के छात्र राहुल राज ने बताया कि उनका सत्र 2023-25 है. उन्होंने नया पंजीयन करवाया है. परीक्षा भी हो गई है, लेकिन अभी तक पंजीयन नंबर निर्गत नहीं हुआ है. सोनू कुमार ने बताया कि वे पीजी थर्ड सेमेस्टर सत्र 2022-24 के छात्र हैं। उन्होंने भी नया पंजीयन करवाया है। लेकिन यूएमआईएस द्वारा निर्गत किए गए विभिन्न डॉक्यूमेंट पर पंजीयन संख्या गलत अंकित कर दिया गया है। फर्स्ट सेमेस्टर के एडमिट कार्ड और मार्कशीट पर पंजीयन संख्या सही अंकित है, जबकि सेकंड सेमेस्टर के एडमिट कार्ड एवं मार्कशीट पर गलत पंजीयन संख्या अंकित कर दिया गया है और सुधार के नाम पर पैसे की उगाही की जाती है। इतना ही नहीं प्रमोटेड छात्र हो या रेगुलर, सभी से परीक्षा शुल्क एक जैसा ही लिया जाता है। बता दें कि विश्वविद्यालय का वेबसाइट एमएस आईटीआई लिमिटेड कोलकाता द्वारा डिजाइन एवं एग्रीमेंट किया गया है। जिसके एग्रीमेंट पेपर में साफ तौर पर लिखा हुआ है कि नामांकन के पश्चात हर छात्र को साल में 20 एसएमएस भेजकर उन्हें विश्वविद्यालय में छात्रों से संबंधित होने वाली गतिविधियों जानकारियां दी जाएगी. ताकि उन्हें व्यक्तिगत रूप से हर जानकारियां प्राप्त हो सके. वे किसी भी जानकारी से वंचित न रहे. लेकिन उन्हें आज तक कोई एसएमएस नहीं भेजा गया.